ब्रिटेन रद्द करेगा पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के आरोपियों का वीज़ा, पीएम टेरीजा मे ने कहा- सऊदी किंग सलमान से करेंगी बात
By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 24, 2018 06:31 PM2018-10-24T18:31:30+5:302018-10-24T18:32:16+5:30
पत्रकार जमाल खशोगी की सऊदी अरब के तुर्की स्थिति दूतावास में 15 लोगों ने हत्या कर दी। अभी उनका शव नहीं मिला है।
नयी दिल्ली, 24 अक्तूबर (एएफपी) ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने बुधवार को बताया कि पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में शामिल सऊदी अरब संदिग्धों का वीजा वापस लिया जाएगा।
मे ने संसद सत्र में कहा, ‘‘गृह मंत्री सभी संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं ताकि उन्हें ब्रिटेन में प्रवेश से रोका जा सके। यदि इन व्यक्तियों के पास वर्तमान में वीजा है तो उन वीजा को आज वापस ले लिया जाएगा।’’
ब्रिटेन से एक दिन पहले ही अमेरिका ने भी मंगलवार को यही कदम उठाया था।
तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में दो अक्तूबर को सऊदी वाणिज्य दूतावास में खशोगी की मौत के बाद ब्रिटेन की मे सरकार पर सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री रोक देने को लेकर दबाव बढ़ गया है। सऊदी ने तीन साल से यमन में विद्रोहियों के खिलाफ बमबारी अभियान छेड़ रखा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल द्वारा रियाद को हथियारों की बिक्री रोक देने के निर्णय में शामिल होंगी, मे ने इस बात पर बल दिया कि ब्रिटेन का रक्षा निर्यात नियन्त्रण विश्व में कठोरतम नियन्त्रणों में शामिल है।
उन्होंने कहा कि सऊदी हथियार बिक्री नीति की समीक्षा की जा रही है। उनका यह बयान विदेश मंत्री जर्मी हन्ट के उस बयान की अनुगूंज है, जो उन्होंने सोमवार को संसद में दिया था।
मे ने यह भी कहा कि शीघ्र एवं पारदर्शी जांच पूर्ण करने के लिए वह सऊदी नेताओं पर राजनयिक दबाव डालना जारी रखेंगी तथा बुधवार को सऊदी शाह सलमान से बात करेंगी।
कौन थे जमाल खशोगी?
13 अक्टूबर 1958 को जन्मे जमाल खशोगी सऊदी अरब मूल के पत्रकार थे। खशोगी दो अक्टूबर 2018 को तुर्की स्थित सऊदी अरब दूतावास से लापता हो गया। उनके लापता होने के कई दिन बाद पता चला कि दूतावास के अंदर ही खशोगी की हत्या कर दी गयी। तुर्की के अधिकारियों ने दावा किया कि खशोगी की मौत 'आपसी मारपीट' के दौरान हो गयी। अभी तक खशोगी का शव नहीं मिला है।
खशोगी अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के लिए काम करते थे। खशोगी अल-अरब न्यूज चैनल के एडिटन इन चीफ रह चुके थे। खशोगी सऊदी अखबार अल-वदन के भी संपादक रह चुके थे।
सितंबर 2017 से खशोगी सऊदी अरब से बाहर रह रहे थे। सऊदी सरकार ने खशोगी के ट्विटर अकाउंट पर प्रतिबंध लगा दिया था।
दो अक्टूबर 2018 को खशोगी सऊदी दूतावास में अपनी होने वाली शादी के लिए जरूर कुछ दस्तावेज लेने गये थे जहाँ 15 सऊदी लोगों ने उन्हें घेर लिया। खशोगी की हत्या के आरोप में कुल 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
खशोगी की मौत का संदेह जिन लोगों पर जताया जा रहा है उनमें से कई सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के करीबी हैं। जिन लोगों पर पुलिस को संदेह है वो प्रिंस मोहम्मद के सुरक्षा दस्ते के सदस्य रहे हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)