Bihar Lok Sabha Elections 2024: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने में क्या अड़चन?, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खोले राज
By एस पी सिन्हा | Updated: May 21, 2024 17:37 IST2024-05-21T17:36:21+5:302024-05-21T17:37:49+5:30
Bihar Lok Sabha Elections 2024: विशेष दर्जा के लिए केंद्रीय वित्त आयोग की रिपोर्ट में अनुशंसा आना चाहिए तभी इसके बारे में आगे विमर्श किया जा सकता है।

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Bihar Lok Sabha Elections 2024: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर गर्मायी सियासत के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बता दिया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने में क्या अड़चन है। पटना में भाजपा के मीडिया सेंटर में मंगलवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि बिहार में जंगलराज के कारण न केवल विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई थी बल्कि आर्थिक रूप से भी बिहार पिछड़ गया था। लेकिन बड़ी मेहनत से बिहार को वहां से बाहर निकाला गया है। उन्होंने कहा कि युवा मतदाताओं को यह जानना काफी जरूरी है।
जंगलराज वाले उस दौर में कहा करते थे कि सम्मान चाहिए, विकास नहीं। विशेष दर्जा के लिए केंद्रीय वित्त आयोग की रिपोर्ट में अनुशंसा आना चाहिए तभी इसके बारे में आगे विमर्श किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त आयोग रिपोर्ट में टैक्स को कम करने का अनुशंसा आया था, जिसके बाद तीन अलग अलग स्लैब में केंद्रीय करों में कमी की गई है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2015 में एक पैकेज बिहार के लिए घोषणा की गई थी और 1.25 लाख करोड़ का पैकेज दिया गया था। यह पैकेज सभी क्षेत्रों के लिए दिया गया था। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि जब जंगलराज का दौर आया तो प्रति व्यक्ति आय, जीडीपी ओडिशा से ज्यादा थी। ओडिशा की 1991 में प्रति व्यक्ति आय 20,591 रुपए थी, जबकि बिहार में 21,282 रुपए थी।
जंगल राज शुरू होने के बाद बिहार में इसमें 33 फीसदी की गिरावट आई, जबकि ओडिशा में 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। उन्होंने बताया कि 2002 में प्रति व्यक्ति आय बिहार में कम होकर 14,209 तक पहुंच गई। 2002 के बाद से 2019 में प्रति व्यक्ति आय 37 हजार रुपए से ज्यादा हो गई है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर यह जंगलराज नहीं आता तो आज बिहार बहुत आगे होता।
जंगलराज का प्रभाव आम आदमी के जीवन पर भी पड़ता है। इंडी गठबंधन वाले मुसलमानों को पूरा आरक्षण देने की बात करते हैं जो संविधान के खिलाफ है। कर्नाटक में मुस्लिम वर्ग को ओबीसी से काटकर आरक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मूलमंत्र सबका विकास है। आज सम्मान भी है और विकास भी। आज हम 2047 के विकसित भारत को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
इसमें पूर्वोत्तर के राज्य इंजन बनेंगे। एनडीए की सरकार में सम्मान और विकास दोनों की बात की जाती है। रामनाथ कोविंद, द्रौपदी मुर्मू को सम्मान इसका उदाहरण हो सकता है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज कांग्रेस संविधान बचाने की बात करती है, लेकिन कांग्रेस अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानती। सीताराम केसरी को बंधक बनाकर सोनिया गांधी को अध्यक्ष बना दिया गया।