Geeta in MP: पाकिस्तान से 2015 में भारत लौटीं गीता ने पीएम मोदी से दो चीज मांगी, जानें क्या डिमांड
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 21, 2024 18:09 IST2024-05-21T18:01:14+5:302024-05-21T18:09:06+5:30
Geeta in MP: शिक्षा बोर्ड के संचालक प्रभात राज तिवारी ने बताया, ‘‘गीता का आवेदन मंजूर करते हुए हमने उन्हें कक्षा आठ की परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है। उन्हें परीक्षा का प्रवेश पत्र जल्द ही मिल जाएगा।’’

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Geeta in MP: बहुचर्चित घटनाक्रम के दौरान पड़ोसी पाकिस्तान से वर्ष 2015 में अपने देश भारत लौटीं गीता एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। मध्य प्रदेश के राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड ने आठवीं की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी और 33 वर्षीय मूक-बधिर महिला की अर्जी मंजूर कर ली है। इस बीच गीता ने प्रधानमंत्री से दो चीज की मांग की है। गीता ने सरकारी नौकरी और पक्का घर की मांग की है। वह बचपन में गलती से रेल में सवार होकर सीमा लांघने के कारण करीब 23 साल पहले पाकिस्तान पहुंच गयी थीं। परिवार के लोगों ने कहा कि भोपाल में रहकर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही हैं।
गीता 26 अक्टूबर 2015 को स्वदेश लौट सकी थीं
पाकिस्तानी रेंजर्स ने गीता को लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठा हुआ पाया था। मूक-बधिर लड़की को पाकिस्तान की सामाजिक संस्था "ईधी फाउंडेशन" की बिलकिस ईधी ने गोद लिया।अपने साथ कराची में रखा था। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (अब दिवंगत) के विशेष प्रयासों के कारण गीता 26 अक्टूबर 2015 को स्वदेश लौट सकी थीं।
कक्षा आठ की परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी
इसके अगले ही दिन उन्हें इंदौर में एक गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर भेज दिया गया था। वर्ष 2021 में महाराष्ट्र में अपने परिवार का पता चलने के बाद गीता इस राज्य में रह रही हैं। मप्र मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के संचालक प्रभात राज तिवारी ने बताया, ‘‘गीता का आवेदन मंजूर करते हुए हमने उन्हें कक्षा आठ की परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है।
संस्था ‘‘आनंद सर्विस सोसायटी’’ कक्षा आठ की परीक्षा में बैठने में गीता की मदद कर रही
उन्हें परीक्षा का प्रवेश पत्र जल्द ही मिल जाएगा।’’ अधिकारियों ने बताया कि राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड की आयोजित कक्षा आठ की परीक्षा 21 मई से शुरू होकर 28 मई तक चलेगी। इंदौर की गैर सरकारी संस्था ‘‘आनंद सर्विस सोसायटी’’ कक्षा आठ की परीक्षा में बैठने में गीता की मदद कर रही है।
ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि गीता का असली नाम राधा
संस्था के सचिव ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि गीता का असली नाम राधा है और वह इन दिनों महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में अपनी मां मीना पांढरे के साथ रह रही हैं। उन्होंने बताया, "पाकिस्तान से भारत लौटने के बाद गीता करीब पांच साल तक इंदौर में रही थीं।
इस दौरान उन्होंने 2020 में कक्षा पांच उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन बाद में कोविड-19 के प्रकोप और अन्य कारणों से उनकी पढ़ाई आगे बढ़ नहीं सकी।’’ पुरोहित ने वीडियो कॉल के जरिये इशारों की जुबान में गीता से बातचीत के हवाले से बताया कि पढ़-लिखकर वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं।
संगठन "प्रोग्रेसिव लाइफ सेंटर" की मदद से कक्षा आठ की परीक्षा की तैयारी कर रही
उन्होंने बताया, ‘‘अगर गीता आठवीं पास कर लेती हैं, तो वह दिव्यांग कोटा के तहत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए होने वाली सरकारी भर्ती की पात्र बन सकती हैं।’’ पुरोहित ने बताया कि गीता, औरंगाबाद के गैर सरकारी संगठन "प्रोग्रेसिव लाइफ सेंटर" की मदद से कक्षा आठ की परीक्षा की तैयारी कर रही हैं।
पुरोहित की पत्नी और सांकेतिक भाषा की जानकार मोनिका पुरोहित भी गीता को ऑनलाइन कक्षा के जरिये परीक्षा की तैयारी करा रही हैं। मोनिका ने कहा, ‘‘गीता पूरी लगन से आठवीं की परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। उन्हें हालांकि हिन्दी और संस्कृत में थोड़ी मुश्किलें हो रही हैं, लेकिन मुझे भरोसा है कि वह अपनी लगन के जरिये इन मुश्किलों से पार पा लेंगी।’’