ढाका, 11 नवम्बर भारत ने अनधिकृत रूप से सीमा पार करने के लिए हिरासत में लिये गए बांग्लादेश की अपराध रोधी ‘रैपिड एक्शन बटालियन’ (आरएबी) के दो कर्मियों को दोनों देशों के बलों के बीच बातचीत के बाद रिहा कर दिया। यह जानकारी यहां सूत्रों ने बुधवार को दी।
इस घटना के बारे में जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने विस्तृत जानकारी दिये बिना कहा, ‘‘सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच फ्लैग मीटिंग के बाद आरएबी के दोनों कर्मी कल रात घर लौट आए।’’
एक अपुष्ट खबर के अनुसार, आरएबी के चार व्यक्ति सादे कपड़ों में मंगलवार दोपहर बांग्लादेश की उत्तर-पश्चिमी दिनाजपुर सीमा पार करते हुए एक सीमावर्ती भारतीय गांव में प्रवेश कर गए। ये चारों व्यक्ति स्थानीय रूप से तैयार की जाने वाली देशी शराब का सेवन करने के लिए वहां गए थे और उन्हें देखकर ग्रामीणों को संदेह हुआ क्योंकि उन्होंने हथियार ले रखे थे।
इसमें कहा गया है कि भारतीय ग्रामीणों ने चारों के लुटेरे होने के संदेह में बीएसएफ के जवानों को बुलाया। उनमें से दो को हिरासत में ले लिया गया जबकि दो गोलीबारी करते हुए बांग्लादेश में वापस चले गए।
इस घटना के बाद बीजीबी ने बीएसएफ से सम्पर्क किया और बीजीबी के एक बटालियन कमांडर और बीएसएफ के एक उप महानिरीक्षक (डीआईजी) के बीच एक बैठक के बाद आरएबी के दोनों कर्मी वापस लौटे।
हालांकि, बीजीबी और आरएबी के अधिकारी इस घटना पर टिप्पणी या इसकी पुष्टि के लिए उपलब्ध नहीं थे।
इस बीच, भारत में बीएसएफ के सूत्रों ने कहा कि यह घटना पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे रानीगंज इलाके में हुई और बांग्लादेशी कर्मियों को रिहा करने से पहले दोनों पक्षों के बीच एक फ्लैग मीटिंग हुई। उन्होंने कहा कि स्थिति को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है।
एक विशेष पुलिस इकाई होने के नाते, आरएबी नियमित पुलिस सेवा के साथ ही सशस्त्र बलों से कर्मियों को लेती है। हिरासत में लिए गए दोनों कर्मियों के बारे में बताया जाता है कि वे पुलिस बल से थे- उनमें से एक अधिकारी था जबकि एक कांस्टेबल था।
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