सीनेट ने अमेरिकी कैपिटल में हुई हिंसा संबंधी आरोपों से ट्रंप को किया बरी

By भाषा | Updated: February 14, 2021 10:25 IST2021-02-14T10:25:09+5:302021-02-14T10:25:09+5:30

Trump acquitted of Senate violence allegations | सीनेट ने अमेरिकी कैपिटल में हुई हिंसा संबंधी आरोपों से ट्रंप को किया बरी

सीनेट ने अमेरिकी कैपिटल में हुई हिंसा संबंधी आरोपों से ट्रंप को किया बरी

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 14 फरवरी अमेरिका की सीनेट देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित करने के लिए आवश्यक दो-तिहाई बहुमत हासिल नहीं कर पाई और इसी के साथ ट्रंप को शनिवार को बरी कर दिया गया।

ट्रंप के खिलाफ चार दिन चली सुनवाई के बाद 100 सदस्यीय सीनेट ने महाभियोग के पक्ष में 57 मत और इसके विरोध में 43 मत डाले। ट्रंप को दोषी साबित करने के लिए 10 और मतों की आवश्यकता थी।

ट्रंप पर आरोप था कि अमेरिकी कैपिटल में छह जनवरी को उनके समर्थकों ने जो हिंसा की थी, उसे उन्होंने भड़काया था।

रिपब्लिकन पार्टी के सात सीनेटरों ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के समर्थन में मतदान किया, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी पूर्व राष्ट्रपति को दोषी ठहराने के लिए आवश्यक 67 मत हासिल नहीं कर पाई। सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 सदस्य हैं।

ट्रंप अमेरिकी इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग की कार्रवाई शुरू की गई है। वह पहले ऐसे राष्ट्रपति है, जिन्होंने कार्यालय छोड़ने के बाद महाभियोग की कार्रवाई का सामना किया है।

रिपब्लिकन पार्टी के बिल कैसिडी, रिचर्ड बर, मिट रोमनी और सुसान कोलिन्स समेत सात सीनेटरों ने महाभियोग के पक्ष में मतदान किया।

यदि ट्रंप को दोषी ठहरा दिया जाता, जो सीनेट उन्हें फिर से चुनाव में खड़े होने से रोक सकती थी।

ट्रंप ने उन्हें बरी किए जाने के बाद एक बयान जारी करके कहा, ‘‘किसी भी राष्ट्रपति को पहले कभी यह नहीं झेलना पड़ा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत दुखद है कि एक राजनीतिक दल को कानून के शासन को कलंकित करने, कानून लागू कराने वालों का अपमान करने, भीड़ को बढ़ावा देने, दंगाइयों को माफ करने और न्याय को राजनीतिक प्रतिधोश के माध्यम के रूप में बदलने की खुली छूट दी गई। उसे उन सभी विचारों एवं लोगों के खिलाफ अभियोग चलाने, उन्हें काली सूची में डालने, रद्द करने या दबाने की अनुमति दी गई, जिनसे वे असहमत हैं।’’

ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं हमेशा कानून के शासन, कानून लागू कराने वाले नायकों और बिना द्वेष के मामलों पर शांतिपूर्ण एवं सम्माजनक तरीके से बहस करने के अमेरिकियों के अधिकारों का समर्थक रहा हूं और रहूंगा।’’

उन्होंने ‘‘न्याय को कायम रखने और सच का बचाव करने’’ की खातिर अथक काम करने के लिए अपने वकीलों एवं अन्य को धन्यवाद दिया।

ट्रंप के वकीलों ने सीनेट में कहा था कि रिपब्लिकन नेता पर लगे राजद्रोह भड़काने के आरोप ‘‘सरासर झूठे’’ हैं और उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ है।

‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने कहा कि महाभियोग संबंधी परिणाम इस बात को रेखांकित करता है कि पार्टी पर ट्रंप की पकड़ अब भी बनी हुई है। हालांकि सात रिपब्लिकन नेताओं ने ट्रंप के खिलाफ मतदान किया, लेकिन अधिकतर नेता अब भी उनके समर्थन में हैं।

प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव पारित होने की निंदा करते हुए कहा, ‘‘हमने सीनेट में आज रिपब्लिकन पार्टी के डरपोक नेताओं के समूह को देखा, जिनके पास स्पष्ट रूप से और कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि वे अपना पद बचाना चाहते हैं।’’

अमेरिकी विश्लेषक एवं सलाहकार कंपनी ‘गेलप’ ने पिछले महीने कहा था कि करीब 82 प्रतिशत रिपब्लिकन ट्रंप का समर्थन करते हैं और हाल में ‘मोनमाउथ यूनिवर्सिटी’ ने पाया था कि 72 प्रतिशत रिपब्लिकन नेता ट्रंप के इस ‘‘झूठे’’ दावे को सही मानते हैं कि राष्ट्रपति जो बाइडन चुनाव में धोखाधड़ी के जरिए जीते।

प्रतिनिधि सभा में अल्पमत के नेता केविन मैकार्थी ट्रंप को हिंसक हमले के लिए जिम्मेदार ठहराने के कुछ ही दिन बाद अपने बयान से पलट गए थे और ट्रंप से मुलाकात करने भी गए थे।

ट्रंप के खिलाफ मतदान करने वाले सात रिपब्लिकन नेताओं में से केवल एक नेता को आगामी चार साल में चुनाव में खड़े होना है। दरअसल, ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी में बहुत कम ही ऐसे नेता हैं, जो अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करने की इच्छा के बावजूद ट्रंप की अवहेलना करने की हिम्मत रखते हैं।

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Web Title: Trump acquitted of Senate violence allegations

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