वाशिंगटन डीसी: अमेरिकी सेना ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि अब ट्रांसजेंडर लोगों को सेना में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकारी आदेश के बाद सैनिकों में "ट्रांसजेंडर विचारधारा" और "आविष्कृत सर्वनाम" पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
अमेरिकी सेना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "अमेरिकी सेना अब ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेना में शामिल होने की अनुमति नहीं देगी और सेवा सदस्यों के लिए लिंग परिवर्तन से जुड़ी प्रक्रियाओं को निष्पादित या सुविधाजनक बनाना बंद कर देगी।"
यह बयान रक्षा विभाग (डीओडी) के सचिव पीट हेगसेथ द्वारा 7 फरवरी को भेजे गए आदेश के जवाब में आया है। यह पत्र विभाग को 27 जनवरी के ट्रम्प के कार्यकारी आदेश के अनुरूप रखता है, जो ट्रांसजेंडर लोगों को सेना में शामिल होने और सेवा में लिंग परिवर्तन प्रक्रियाओं से रोकता है।
हेगसेथ के अनुसार, जो लोग पहले से ही सेना में हैं और लिंग डिस्फोरिया से पीड़ित हैं, उनके साथ "गरिमा और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाएगा" तथा कार्मिक एवं तत्परता के लिए रक्षा उप सचिव इस बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
रक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस निर्णय से लगभग 11,500 ट्रांसजेंडर सेवा सदस्य प्रभावित होंगे, जो सेना के सम्पूर्ण बल का 1% से भी कम हिस्सा हैं।
कार्यकारी आदेश का विरोध किसने किया?
रोड आइलैंड के अटॉर्नी जनरल पीटर एफ. नेरोन्हा ने 20 राज्य अटॉर्नी जनरल के समूह के साथ मिलकर एक मुकदमा दायर किया, जिसमें राष्ट्रपति ट्रम्प के कार्यकारी आदेश को रोकने की मांग की गई, जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेना में सेवा करने से प्रतिबंधित किया गया है।
ब्रीफ में कहा गया है, "हमारे देश की सेना में सेवा करने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्ति, जिनमें हर राज्य में नेशनल गार्ड भी शामिल है, कार्यकारी आदेश के तहत भेदभाव करते हैं, जो गैरकानूनी है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक है।"