करीब 1.8 करोड़ आबादी के साथ भारतीय दुनिया का सबसे बड़ा प्रवासी समूह

By भाषा | Published: January 16, 2021 03:22 PM2021-01-16T15:22:54+5:302021-01-16T15:22:54+5:30

The largest expatriate group in the world, with a population of 18 million | करीब 1.8 करोड़ आबादी के साथ भारतीय दुनिया का सबसे बड़ा प्रवासी समूह

करीब 1.8 करोड़ आबादी के साथ भारतीय दुनिया का सबसे बड़ा प्रवासी समूह

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 16 जनवरी प्रवासी भारतीयों की संख्या विश्व में सबसे अधिक हैं जो दुनिया के अलग-अलग देशों में रह रहे हैं और ये ‘सबसे अधिक विविधता और जीवतंता’ वाले समुदायों में से एक है।

संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि वर्ष 2020 में करीब 1.8 करोड़ भारतीय अपने वतन से दूर दुनिया के अलग-अलग देशों में रहते हैं और इस मामले में यह विश्व का सबसे बड़ा प्रवासी समूह है।

विश्व निकाय ने बताया कि सबसे अधिक संख्या में प्रवासी भारतीय संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब में रहते हैं।

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (डीईएसए) में जनसंख्या प्रभाग में जनसंख्या मामलों की अधिकारी क्लेर मेनोजी ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ दुनिया में भारत की सबसे अधिक परा देशीय आबादी है। भारत के करीब 1.8 करोड़ लोग दुनिया के अलग-अलग देशों में रहते हैं। सबसे रोचक बात यह है कि भारतीय प्रवासी आबादी का वितरण पूरी दुनिया में है।’’

मेनोजी ने कहा कि कुछ परादेशीय आबादी वास्तव में एक देश या क्षेत्र तक केंद्रित है जबकि भारतीय प्रवासी सभी महाद्वीपों एवं क्षेत्रों - खाड़ी से लेकर अमेरिका तक, ऑस्ट्रेलिया से लेकर ब्रिटेन तक- में फैली हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह दुनिया की सबसे विविधता युक्त एवं गतिशील’’ समुदाय है।’’

संयुक्त राष्ट्र डीईएसए के जनसंख्या प्रभाग द्वारा शुक्रवार को जारी ‘ अंतरराष्ट्रीय प्रवास-2020 रिपोर्ट के मुताबिक 1.8 करोड़ भारतीय अपने जन्मस्थान से दूर दूसरे देशों में रहते हैं।

भारत के अलावा अन्य देश जिनकी बड़ी आबादी विदेश में रहती है, उनमें मैक्सिको और रूस हैं। इन दोनों देशों की 1.1-1.1 करोड़ आबादी विदेश में रहती है। वहीं, एक करोड़ चीनी और 80 लाख सीरियाई भी दूसरे देशों रहते हैं।

विदेशों में रहने वाले भारतीयों में सबसे अधिक 35 लाख संयुक्त अरब अमीरात में रहते हैं जबकि 27 लाख भारतीय अमेरिका में और 25 लाख सऊदी अरब में रहते हैं।

इनके अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कुवैत, ओमान, पाकिस्तान, कतर और ब्रिटेन में भी भारतीय प्रवासियों की बड़ी संख्या है।

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2000 से 2020 के बीच दुनिया के हर देश एवं क्षेत्र में विदेश से आनेवाले प्रवासियों की संख्या में वृद्धि हुई और इसका सबसे अधिक लाभ भारत को हुआ जिसकी विदेश में रहने वाली आबादी की संख्या में एक करोड़ की वृद्धि हुई। इसके बाद सीरिया, वेनेजुएला, चीन और फिलीपीन का स्थान आता है।

संयुक्त राष्ट्र निकाय के जनसंख्या प्रभाग के निदेशक जॉन विलमोथ ने कहा कि भारत से प्रवास की मुख्य वजह रोजगार और पारिवारिक कारण रहे और जबरन प्रवास का प्रतिशत (करीब 10 प्रतिशत) कम रहा।

अमेरिका प्रवासियों का अब भी सबसे पसंदीदा स्थल बना हुआ है और वर्ष 2020 में कुल 5.1 करोड़ अंतरराष्ट्रीय प्रवासी अमेरिका में थे जो विश्व में कुल अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का 18 प्रतिशत है।

1.6 करोड़ प्रवासियों के साथ जर्मनी दूसरे स्थान पर रहा जबकि सऊदी अरब, रूस और ब्रिटेन क्रमश: 1.3 करोड़, 1.2 करोड़, 90 लाख अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के साथ तीसरे, चौथे, पांचवे स्थान पर रहे।

रिपोर्ट में कहा गया कि अंतरिम आकलन के मुताबिक कोविड-19 महामारी की वजह से वर्ष 2020 के मध्य में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या की वृद्धि में करीब 20 लाख की कमी आई जो मध्य 2019 के अनुमान के मुताबिक 27 प्रतिशत कम है।

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Web Title: The largest expatriate group in the world, with a population of 18 million

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