मुक्त व्यापार समझौता भारत-ऑस्ट्रेलिया के लिए है महत्वपूर्ण अवसर: टोनी एबॉट
By रुस्तम राणा | Published: December 3, 2021 09:10 AM2021-12-03T09:10:50+5:302021-12-03T09:10:50+5:30
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री टोनी एबॉट को भारत के लिए विशेष व्यापार दूत नियुक्त किया गया है। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन के तरफ से ये नियुक्ति दी गई है।
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने मुक्त व्यापार समझौता को भारत और ऑस्ट्रेलिया के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया है। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शीघ्र ही फसल व्यापार समझौता कर सकते हैं। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम टोनी एबॉट वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के विशेष व्यापार दूत हैं।
भारत को बताया चीन का विकल्प
उन्होंने चीन से बिगड़ते ऑस्ट्रेलिया के रिश्ते पर ध्यान देते हुए कहा कि कई देशों का चीन के साथ व्यापारिक विवाद चल रहा है। ऐसे में उन देशों के लिए भारत एक विकल्प के तौर पर उभर रहा है। भारत आर्थिक टेकऑफ़ की दहलीज पर है। उन्होंने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में भारत के शामिल नहीं होने को भी भारत का एक चतुर कदम बताया।
Many countries are having trade issues with China. Seeing this, India is emerging as an option. India is at the threshold of economic takeoff: Tony Abbott, Former Australian PM and Special Trade Envoy of the Prime Minister of Australia
— ANI (@ANI) December 3, 2021
टोनी एबॉट ने की चीन की आलोचना
टोनी एबॉट ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, मैंने एक बहुत ही अलग चीन देखा है। हम चीन से जो देख रहे हैं वह व्यापार का शस्त्रीकरण है। लगभग 20 बिलियन डॉलर मूल्य के ऑस्ट्रेलियाई व्यापार को चीन ने मनमाने ढंग से निलंबित कर दिया था। ऐसी परिस्थितियों में चीन को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखना मुश्किल है।
एबॉट ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों प्राकृतिक रूप से आर्थिक साझेदार हैं। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के पास वह है जो भारत को सुनिश्चित करने के लिए चाहिए कि 'मेक इन इंडिया' एक वास्तविकता बन जाए।
मॉरिसन सरकार द्वारा एबॉट को बनाया गया है विशेष व्यापार दूत
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री टोनी एबॉट को भारत के लिए विशेष व्यापार दूत नियुक्त किया गया है। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन के तरफ से ये नियुक्ति दी गई है, ताकि द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को पूरी क्षमता के साथ आर्थिक संबंधों की मजबूती के लिए बढ़ाया जा सके।
दोनों देशों के बीच लगभग 30 अरब डॉलर का है सालाना व्यापार
इससे पहले भी टोनी एबॉट ने जोर देकर कहा कि था कि ऑस्ट्रेलिया को चीन से बहुत दूर जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा था, भारत ऑस्ट्रेलिया का स्वाभाविक भागीदार है। भारत-ऑस्ट्रेलिया समान विचारधारा वाले लोकतांत्रिक देश हैं। भारत ऑस्ट्रेलिया का सातवां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है, जिसका सालाना कारोबार लगभग 30 अरब डॉलर का है।