अमेरिका के रणनीतिक रूप से सिकुड़ने की अवधारणा ‘हास्यास्पद’ है: जयशंकर

By भाषा | Updated: November 19, 2021 10:52 IST2021-11-19T10:52:54+5:302021-11-19T10:52:54+5:30

The concept of America shrinking strategically is 'ridiculous': Jaishankar | अमेरिका के रणनीतिक रूप से सिकुड़ने की अवधारणा ‘हास्यास्पद’ है: जयशंकर

अमेरिका के रणनीतिक रूप से सिकुड़ने की अवधारणा ‘हास्यास्पद’ है: जयशंकर

सिंगापुर, 19 नवंबर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस धारणा को ‘‘हास्यास्पद’’ करार देते हुए खारिज कर दिया कि अमेरिका रणनीतिक रूप से सिकुड़ रहा है और शक्ति के वैश्विक पुनर्संतुलन के बीच अन्यों के लिए स्थान बना रहा है।

जयशंकर ने ‘ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमिक फोरम’ में ‘ग्रेटर पावर कॉम्पीटीशन: द इमर्जिंग वर्ल्ड ऑर्डर’ (शक्ति की बड़ी प्रतिद्वंद्विता: उभरती वैश्विक व्यवस्था) पर यहां एक पैनल के विचार-विमर्श के दौरान कहा कि अमेरिका आज एक कहीं अधिक लचीला साझेदार है, वह अतीत की तुलना में विचारों, सुझावों और कार्य व्यवस्थाओं का अधिक स्वागत करता है।

उन्होंने सत्र के मध्यस्थ के एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘इसे अमेरिका का कमजोर होना नहीं समझें। मुझे लगता है कि ऐसा सोचना हास्यास्पद है।’’

इस सत्र में अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने भी भाग लिया।

जयशंकर ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि चीन अपना विस्तार कर रहा है, लेकिन चीन की प्रकृति, जिस तरीके से उसका प्रभाव बढ़ रहा है, वह बहुत अलग है और हमारे सामने ऐसी स्थिति नहीं है, जहां चीन अनिवार्य रूप से अमेरिका का स्थान ले ले। चीन और अमेरिका के बारे में सोचना स्वाभाविक है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि भारत समेत अन्य भी कई देश हैं, जो परिदृश्य में अधिक भूमिका निभा रहे हैं। दुनिया में पुनर्संतुलन है।’’

जयशंकर ने कहा कि अमेरिका आज पहले से कहीं अधिक लचीला साझेदार है, वह पहले की तुलना में विचारों, सुझावों और कार्य व्यवस्थाओं को लेकर कहीं अधिक खुला है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इससे एक बहुत अलग तरह की दुनिया प्रतिबिम्बित होती है। आप कह सकते हैं कि हम एक ऐसी दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं, जहां 1992 के बाद से वास्तव में बदलाव आ रहा है।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘दुनिया बदल रही है। यह अचानक से अब एकध्रुवीय नहीं है। यह वास्तव में द्विध्रुवीय नहीं है तथा कई और खिलाड़ी भी हैं, इसलिए हम देशों के साथ काम करने की स्थिति को बदलने के मामले में बहुत कुछ कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि कोविड-18 ने वैश्वीकरण के पुराने मॉडल पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस अत्यंत जटिल परिवर्तनकारी दौर के वास्तव में कई चरण हैं।’’

जयशंकर ने कहा कि इस दौर में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अब अवधारणा बदल गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आर्थिक सुरक्षा, स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा और डिजिटल सुरक्षा के बारे में कहीं अधिक सोचते हैं।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘आज, डेटा पर निर्भर दुनिया में विश्वास और पारदर्शिता कहीं अधिक प्रासंगिक मामले हैं। इसलिए मेरे लिए यह मायने रखता है कि मेरे साझेदार का चरित्र कैसा है, वे किसके साझेदार हैं। ये सभी नए कारक हैं और मेरा मानना है कि ये दुनिया को एक बहुत अलग दिशा में ले जा रहे हैं’’

जयशंकर ने कहा कि निस्संदेह भारत यह देखना चाहेगा कि उसके हित कैसे पूरे होते हैं और आज ये हित निश्चित ही अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन के साथ अधिक निकट संबंधों से पूरे होते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: The concept of America shrinking strategically is 'ridiculous': Jaishankar

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे