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तालिबान ने भारत से कहा, "काबुल में शुरू करिए दूतावास, देंगे पूरी सुरक्षा, भूल जाइए पुरानी सरकारों से रिश्ता"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 23, 2022 17:00 IST

तालिबानी सरकार ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों की बहाली पर जोर देते हुए कहा भारत सरकार अपने बंद दूतावास को फिर से बहाल करे, तालिबानी सिपाही उन्हें पुरी सुरक्षा देंगे।

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ठळक मुद्देतालिबान ने भारत के साथ रिश्तों को फिर से बहाल करने की अपील की इसके साथ तालिबान ने यह भी कहा कि भारत पुरानी अफगानी सरकारों से रिश्ता भूल जाए भारत अगर दोबारा काबुल में अपना दूतावास खोलता है तो तालिबान उस कदम का स्वागत करेगा

काबुल: अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान चाहता है कि भारत उसके साथ वैसा ही संबंध रखे, जैसा वो अफगान की लोकतांत्रिक सरकार के साथ रखता था लेकिन इसके साथ ही तालिबान का यह भी कहना है कि भारतअफगानिस्तान के पुराने नेताओं के साथ कोई संबंध नहीं रखे।

दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख और आधिकारिक प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने इस मामले में तालिबान की पेशकश रखते हुए कहा भारत को आगे बढ़ना चाहिए और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के साथ राष्ट्रीय और पारस्परिक हित के आधार पर परस्पर संबंधों को फिर से बहाल करना चाहिए।

इसके साथ ही सुहैल शाहीन ने कहा कि भारत पूर्व अफगानी राजनेता अशरफ गनी के साथ सारे संबंधों को तोड़ते हुए एक नई शुरूआत करे। न्यूज वेबसाइट 'दिप्रिंट' के मुताबिक तालिबान नेता ने कहा कि भारत को अफगानिस्तान के लोगों के साथ गहरे संबंध बनाने की पहल करनी चाहिए और काबुल में अपना दूतावास फिर से खोलना चाहिए।

तालिबानी प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि तालिबानी सुरक्षा सेना भारतीय दूतावास और वहां काम करने वाले राजनयिकों को पूरी सुरक्षा देने का वचन देता है।

तालिबानी नेता ने कहा, “हमने केवर भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों के बारे में भी इस बात की घोषणा बार-बार की है कि जिन भी देशों के राजनयिक काबुल में काम करेंगे, हम उनकी सुरक्षा की पूरी गारंटी लेते हैं। हम इसे अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और हमने इस वादे को कई दफे साबित भी किया है।

तालिबान सरकार ने काबुल में काम कर रहे कई दूतावासों को पूरी सुरक्षा दी है और वो बिना किसी भय के पूरी स्वतंत्रता के साथ अपना काम कर रहे हैं। हम सभी देशों के दूतावासों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसमें भारत भी शामिल है। अगर भारत दोबारा काबुल में अपना दूतावास खोलता है तो तालिबान इसका स्वागत करेगा। 

उन्होंने कहा, "भारत तालिबान को पूर्व राजनेता अशरफ गनी और उनके अधिकारियों के चश्मे से न देखे, वो तो अफगानिस्तान को छोड़कर अपने परिवारों के साथ विदेश में रह रहे हैं।"

मालूम हो कि 2021 में जब अमेरिकी फौज अफगानिस्तान को छोड़कर जा रही थी और तालिबान धीरे-धीरे अफगानिस्तान पर कब्जे के लिए आगे बढ़ रहा था। तभी अगस्त 2021 में भारत ने काबुल स्थित अपना दूतावास बंद कर दिया था। उसके पहले भारत ने तालिबानी हमले को देखते हुए मजार-ए-शरीफ, कंधार, हेरात और जलालाबाद में अपने वाणिज्य दूतावासों को बंद कर दिया था।

टॅग्स :तालिबानTaliban Talibanअफगानिस्तानभारतIndia
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