सैन्य तख्तापलट के मुहाने पर सुडान, प्रधानमंत्री नजरबंद, कई कैबिनेट मंत्री गिरफ्तार: रिपोर्ट
By विशाल कुमार | Updated: October 25, 2021 10:05 IST2021-10-25T09:53:52+5:302021-10-25T10:05:00+5:30
एक लोकतंत्र समर्थक समूह ने सुजान की जनता से किसी भी तरह के सैन्य तख्तापलट का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है. सैन्य बलों ने सुडान के प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक के मीडिया सलाहकार के घर में जबरन घुसकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

(फोटो: पीटीआई)
खार्तूम: अज्ञात सूडानी सैन्य बलों ने चार कैबिनेट मंत्रियों और सत्तारूढ़ संप्रभु परिषद के एक नागरिक सदस्य को गिरफ्तार किया. स्थानीय अलहदथ टीवी ने सोमवार को अज्ञात स्रोतों का हवाला देते यह जानकारी दी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक लोकतंत्र समर्थक समूह ने सुडान की जनता से किसी भी तरह के सैन्य तख्तापलट का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है.
सैन्य बलों ने सुडान के प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक के मीडिया सलाहकार के घर में जबरन घुसकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. सेना की तरफ से फिलहाल कोई बयान नहीं जारी किया गया है.
अलहदथ टीवी ने कहा कि हमदोक को नजरबंद कर दिया गया है और अज्ञात सैन्य बलों ने चार कैबिनेट मंत्रियों और सत्तारूढ़ संप्रभु परिषद के एक नागरिक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है.
अधिकारियों ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों में उद्योग मंत्री इब्राहिम अल-शेख, सूचना मंत्री हमजा बलौल और सत्तारूढ़ संप्रभु परिषद के सदस्य मोहम्मद अल-फिकी सुलेमान और प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक के मीडिया सलाहकार फैसल मोहम्मद सालेह शामिल हैं. राजधानी खार्तूम वाले राज्य के गवर्नर अयमान खालिद को भी गिरफ्तार किया गया है.
हॉर्न ऑफ अफ्रीका के लिए अमेरिका के विशेष दूत जेफरी फेल्टमैन ने बढ़ते विवाद को सुलझाने के प्रयासों में शनिवार और रविवार को सूडानी सैन्य और नागरिक नेताओं के साथ मुलाकात की थी.
इंटरनेट पर व्यवधानों को ट्रैक करने वाले नेटब्लॉक्स ने सोमवार को कहा कि उसने सूडान में फिक्स्ड-लाइन और मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन दोनों में महत्वपूर्ण व्यवधान देखा है.
बता दें कि, साल 2019 में पूर्व नेता ओमर अल-बशीर के सत्ता से बाहर होने के बाद से सेना और नागरिक समूहों के बीच सत्ता को लेकर खींचतान जारी है और यह तब बेहद नाजुक मोड़ पर पहुंच गया जब पिछले महीने सैन्य तख्तापलट की कोशिश नाकामम हो गई.
महीनों के जनविरोध के बाद बशीर को हटा दिया गया था. 2023 के अंत तक चुनावों का नेतृत्व करने के लिए उनके निष्कासन के बाद एक राजनीतिक परिवर्तन पर सहमति बनी थी.