यूक्रेन में फंसे छात्र जिंदगी बचाने के लिए 40 किलोमीटर पैदल चलकर पोलैंड सीमा तक पहुंचे, छात्रों का आरोप, 'यूक्रेन में भारतीय दूतावास नहीं कर रहा है मदद'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 28, 2022 02:22 PM2022-02-28T14:22:20+5:302022-02-28T14:28:40+5:30

छात्र स्मिथ पटेल ने बताया कि गुरुवार को तड़के जब रूसी सेनाओं ने यूक्रेन पर हमला किया तो भारतीय छात्र बेहद गहरी नींद में से रहे थे। जब भारतीय दूतावास से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि सभी भारतीय छात्र जल्द से जल्द वहां से 43 किलोमीटर दूर पोलैंड की सीमा पर पहुंचने का प्रयास करें।

Students stranded in Ukraine are walking 40 km to the Poland border to save lives, students allege, 'Indian Embassy in Ukraine is not helping' | यूक्रेन में फंसे छात्र जिंदगी बचाने के लिए 40 किलोमीटर पैदल चलकर पोलैंड सीमा तक पहुंचे, छात्रों का आरोप, 'यूक्रेन में भारतीय दूतावास नहीं कर रहा है मदद'

स्मिथ पटेल

Highlightsभारतीय छात्र पैदल ही 43 किलोमीटर की दूरी तय करके शनिवार की रात पोलैंड की सीमा पर पहुंचेछात्रों का आरोप है जब तक वो पोलैंड सीमा नहीं पहुंचे, भारतीय दूतावास ने कोई मदद नहीं की रूसी हमले का सामना कर रहे यूक्रेन में अब भी लगभग 16 हजार भारतीय छात्र फंसे हुए हैं

दिल्ली: युद्धग्रस्त यूक्रेन की स्थिति बहुत खराब हो गई है। बीते गुरुवार से रूसी सेना के आक्रमण से त्रस्त यूक्रेन में अब भी लगभग 16 हजार भारतीय फंसे हुए हैं।

भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे छात्रों को स्वदेश लाने के लिए सीमा पर पहुंचने के लिए कह रही है क्योंकि रूसी हवाई हमले के कारण यूक्रेन के जाने के सारे हवाई रास्ते बंद हैं। इस वजह से भारत सरकार यूक्रेन के पड़ोसी मुल्कों से भारतीय छात्रों को रेस्क्यू करने का अभियान चला रही है।

यूक्रेन में स्थिति इतनी दयनीय है कि भारतीय छात्रों को पोलैंड चेक पोस्ट पर पहुंचने के लिए लगभग 40 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा रहा है। समाचार पत्र मिड-डे में छपी एक खबर के मुताबिक यूक्रेन में फंसे मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले एक छात्र स्मिथ पटेल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत सरकार उन्हें घर वापस जाने में मदद करेगी।

पटेल ने बताया कि गुरुवार को तड़के जब रूसी सेनाओं ने यूक्रेन पर हमला किया तो भारतीय छात्र बेहद गहरी नींद में से रहे थे। हवाई हमले से बेहद डरे हुए मेडिकल कॉलेजों के भारतीय छात्रों ने मदद के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क किया।

उसके बाद दूतावास की ओर से कहा गया कि सभी छात्र जल्द से जल्द 43 किलोमीटर दूर पोलैंड की सीमा पर पहुंचने का प्रयास करें। लेकिन उनके पास पोलैंड जाने के लिए ट्रांसपोर्ट के कोई भी संसाधन नहीं थे। उसके बाद सभी छात्रों ने फैसला किया कि वो अपने भारी सामानों के साथ पोलैंड की सीमा की ओर पैदल ही चलेंगे।

पैदल 43 किलोमीटर की दूरी तय करके सभी भारतीय छात्र शनिवार की देर रात यूक्रेन-पोलैंड की सीमा पर पहुंच गए। गुजरात के भावनगर शहर के रहने वाले 23 साल के स्मिथ ने कहा, “भारतीय दूतावास ने हमें पोलैंड सीमा तक पहुंचने के लिए कहा, लेकिन हमारे पास वहां पहुंचने के लिए कोई वाहन नहीं था। हम लगभग 40 किलोमीटर पैदल चलकर चेक पोस्ट तक पहुंचे, जहां हमें बताया गया कि भारतीयों और नाइजीरियाई लोगों को पोलैंड की सीमा पार करने की अनुमति नहीं है। इसके बाद हमने भारतीय दूतावास से संपर्क किया और उनसे मदद ली। ”

स्मिथ ने कहा "मैं बीते कई दिनों तक ठीक तरह से सोया भी नहीं था और हमारे पास खाना भी खत्म हो गया था। भारतीय दूतावास ने रविवार की रात हमें ब्रेड-बटर मुहैया कराया। हमारे मोबाइल फोन की बैटरी भी खत्म हो रही थी और वहां चार्जिंग की कोई सुविधा नहीं थी। हम अपने परिवारों से संपर्क करने के लिए मोबाइल की बैटरी बचा रहे थे।”

स्मिथ पटेल ने कहा कि बहुत तरलीफ में हमने पोलैंड  सीमा पर शून्य से 15 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर रात बिताई। जब तक हम पोलैंड सीमा पर नहीं पहुंचे, तब तक हमें भारत सरकार से किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली।"

उन्होंने कहा, "पोलैंड में हमें पता चला कि भारत के लिए उड़ानें रोमानिया से उपलब्ध हैं। हम फिर परेशान हो गये लेकिन भारतीय दूतावास ने हमसे संपर्क किया और कहा कि वो हमें सुरक्षित भारत वापस ले जाएंगे। हम बस यही उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार हमें स्वदेश लौटने में मदद करे। सरकार को इस कठिन समय में हमारे सुरक्षित स्वदेश वापसी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।"

Web Title: Students stranded in Ukraine are walking 40 km to the Poland border to save lives, students allege, 'Indian Embassy in Ukraine is not helping'

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