श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफे के ऐलान से पहले छोड़ा देश, देर रात परिवार सहित पहुंचे मालदीव
By विनीत कुमार | Published: July 13, 2022 07:18 AM2022-07-13T07:18:44+5:302022-07-13T07:43:04+5:30
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश छोड़ दिया है। सूत्रों के अनुसार राजपक्षे अपनी पत्नी के साथ रातों-रात मालदीव पहुंच गए हैं। सूत्रों के अनुसार उन्हें एक नौसैनिक पोत पर रखा गया था।
कोलंबो: श्रीलंका में जारी प्रदर्शन के बीच ऐसी खबर है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश छोड़ दिया है। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से एक स्थानीय मीडिया में कहा गया है राजपक्षे देर रात मालदीव पहुंच गए हैं। राजपक्षे ने सोमवार को अपने इस्तीफे के पत्र पर हस्ताक्षर किए थे जिसे आज संसद के स्पीकर को दिया जा सकता है।
गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पहले परिवार समेत खुद के लिए सुरक्षा मांगी थी। राष्ट्रपति पद पर बने रहने तक उन्हें गिरफ्तारी से छूट मिली हुई थी। हालांकि पद से इस्तीफे के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती थी।इससे पहले भी खबर आई थी कि राजपक्षे परिवार ने देश छोड़ने की कोशिश की थी लेकिन उसे सफलता नहीं मिली।
इस बीच ऐसी भी खबरें हैं कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे बुधवार को अस्थायी अवधि के लिए राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे जब तक कि 20 जुलाई को संसद द्वारा नए राष्ट्रपति का चुनाव नहीं किया जाता है। राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन 19 जुलाई को होगा।
परिवार सहित मालदीव पहुंचे गोटबाया
मीडिया रिपोर्टों में इमिग्रेशन सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपनी पत्नी और एक अंगरक्षक के साथ देर रात एंटोनोव -32 सैन्य विमान (Antonov-32) पर मालदीव के लिए उड़ान भरी। दरअसल, 9 जुलाई को राष्ट्रपति के आवास पर भीड़ के धावा बोलने से कुछ समय पहले राजपक्षे को सुरक्षा बलों द्वारा वहां से निकाला गया था और सुरक्षा कारणों से एक नौसैनिक पोत पर रखा गया था।
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी देश में जारी विरोध के बीच अपने पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया है कि उन्होंने सरकार की निरंतरता और सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये निर्णय लिया।
श्रीलंका के संविधान के तहत, यदि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों इस्तीफा देते हैं तो संसद का अध्यक्ष अधिकतम 30 दिन के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकता है। संसद अपने सदस्यों में से 30 दिन के भीतर एक नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी, जो वर्तमान कार्यकाल के शेष दो वर्षों के लिए पद धारण करेगा।
आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका
1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका इस समय अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका में राजनीतिक अनिश्चितता भी बनी हुई है। ईंधन पंपों पर अभी भी लंबी कतारें देखी जा रही हैं। देश में बुधवार रात से 450 ग्राम की ब्रेड के दाम 20 रुपये बढ़ जाएंगे। अन्य बेकरी उत्पादों की कीमत में 10 रुपये की बढ़ोतरी होगी।
श्रीलंका की डेली मिरर समाचार वेबसाइट ने ऑल सीलोन बेकरी ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एन के जयवर्धने के हवाले से बताया कि गेहूं के आटे के भाव में 32 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि के चलते कीमत बढ़ाने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि एक किलोग्राम गेहूं का आटा पहले बाजार में 84.50 रुपये में मिलता था, और अब उसकी कीमत बढ़कर 300 रुपये से अधिक हो गई है।
ईंधन की कमी से स्कूल-कॉलेज सहित कई कार्यालय पहले से ही श्रीलंका में बंद हैं। इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में तीन मुख्य इमारतों-राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रपति सचिवालय और प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास टेंपल ट्रीज़ पर अपना कब्जा बरकरार रखा है।
(भाषा इनपुट)