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श्रीलंका बम धमाका: रक्षा राज्य मंत्री विजयर्धने का दावा, न्यूजीलैंड में मस्जिदों पर हमले का बदला थे ये विस्फोट

By भाषा | Updated: April 23, 2019 20:31 IST

लंका में हुए सबसे घातक हमले में 10 भारतीयों की भी मौत हुई है। प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने रविवार को हुए हमले के बारे में कहा है कि ‘‘ वैश्विक आतंकवाद श्रीलंका पहुंच रहा है।’’ 

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श्रीलंका के एक वरिष्ठ मंत्री ने प्राथमिक जांच के परिणाम का उल्लेख करते हुए मंगलवार को संसद को जानकारी दी कि ईस्टर के मौके पर रविवार को देश के गिरजाघरों और लग्जरी होटलों में हुए विस्फोटों को स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथियों ने अंजाम दिया था। उन्होंने बताया कि ये विस्फोट न्यूजीलैंड की मस्जिदों में की गई गोलीबारी का बदला लेने को किये गये थे। 

रविवार को हुए हमलों पर चर्चा करने के लिए बुलाए गए संसद के आपात सत्र को संबोधित करते हुए श्रीलंका के रक्षा राज्य मंत्री रूवन विजयवर्धने ने कहा कि शुरुआती जांच में पाया गया है कि आत्मघाती हमले 15 मार्च को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में हुए हमले का बदला लेने को किये थे जिसमें 50 लोगों की मौत हुई थी। 

विजयवर्धने ने संसद से कहा, ‘‘शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि श्रीलंका में (रविवार को) जो कुछ हुआ वो क्राइस्टचर्च में मुसलमानों पर हुए हमले का बदला था।’’ उन्होंने कहा कि हमले से पहले कुछ सरकारी अधिकारियों को भेजे खुफिया मेमो के मुताबिक, श्रीलंका में हमले के लिए जिम्मेदार इस्लामी कट्टरपंथी संगठन के सदस्य ने क्राइस्टचर्च हमले के बाद सोशल मीडिया पर ‘चरमपंथी सामग्री’ पोस्ट की थी। 

यह हमला दक्षिणपंथी चरमपंथी ने किया था। तीन गिरजाघरों और तीन होटलों समेत सात विस्फोटों के बाद सरकार ने नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) को कसूरवार ठहराया है। विजयवर्धने ने एनटीजे पर प्रतिबंध का प्रस्ताव रखा है। सभी फिदायीन हमलावर श्रीलंकाई नागरिक थे लेकिन माना जाता है कि समूह का विदेशी आतंकवादियों के साथ संपर्क है। बहरहाल, किसी भी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

यह रेखांकित करते हुए कि हमला स्थानीय कट्टरपंथियों ने अंजाम दिया है, मंत्री ने कहा कि विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 321 हो गई जिनमें 38 विदेशी शामिल हैं। श्रीलंका में हुए सबसे घातक हमले में 10 भारतीयों की भी मौत हुई है। प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने रविवार को हुए हमले के बारे में कहा है कि ‘‘ वैश्विक आतंकवाद श्रीलंका पहुंच रहा है।’’ 

विक्रमसिंघे ने संसद में कहा कि श्रीलंका ने 2009 तक राजनीतिक उद्देश्य के आतंकवादी अभियान का सामना किया लेकिन ये हमले उस प्रकृति से अलग के थे। 2009 में लिट्टे के साथ तीन दशक लंबी लड़ाई उसकी हार के साथ खत्म हो गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमान समुदाय इन हमलों के खिलाफ है। सिर्फ कुछ ही इन हमलों में शामिल हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने विस्फोट को लेकर श्रीलंका के साथ एकजुटता व्यक्त की है।

विपक्ष के नेता महेंदा राजपक्षे ने राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफलता के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, ‘‘ जब मैंने सरकार सौंपी थी तो यह आतंकवाद से मुक्त थी। मेरी सरकार के दौरान ऐसा हमला कभी नहीं हुआ।’’ राजपक्षे ने कहा कि अगर सरकार जनता की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकती तो उसे सत्ता छोड़ देनी चाहिए। 

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