कौन हैं साने ताकाइची?, जापान में रच दिया इतिहास
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 21, 2025 12:59 IST2025-10-21T12:58:13+5:302025-10-21T12:59:11+5:30
जुलाई में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की करारी चुनावी हार के बाद तीन महीने से जारी राजनीतिक गतिरोध खत्म हो गया।

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टोक्योः जापान की संसद ने मंगलवार को अति रूढ़िवादी साने ताकाइची को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना। इस घटनाक्रम से एक दिन पहले 64 वर्षीय ताकाइची की संघर्षरत ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ ने एक नए सहयोगी दल के साथ गठबंधन समझौता किया, जिससे उनके सत्तारूढ़ गठबंधन के और अधिक दक्षिणपंथी होने की उम्मीद है। ताकाइची ने शिगेरु इशिबा का स्थान लिया, जिससे जुलाई में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की करारी चुनावी हार के बाद तीन महीने से जारी राजनीतिक गतिरोध खत्म हो गया।
प्रधानमंत्री के रूप में केवल एक वर्ष तक सेवा देने वाले इशिबा ने मंगलवार को मंत्रिमंडल सहित इस्तीफा दे दिया, जिससे ताकाइची के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ। निचले सदन में हुए मतदान में ताकाइची को 237 वोट मिले, जो बहुमत से चार अधिक हैं जबकि ‘कॉन्स्टीट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान’ के प्रमुख योशिको नोडा को 149 वोट मिले।
परिणाम घोषित होने पर ताकाइची खड़ी हुईं और उन्होंने झुककर सभी का अभिवादन किया। एलडीपी का ओसाका स्थित दक्षिणपंथी जापान इनोवेशन पार्टी (इशिन नो काई) के साथ गठबंधन ने ताकाइची की जीत सुनिश्चित की, क्योंकि विपक्ष एकजुट नहीं था। बहरहाल, यह नया गठबंधन अब भी संसद के दोनों सदनों में बहुमत से कम है और किसी भी विधेयक को पारित करने के लिए अन्य विपक्षी दलों का समर्थन लेना होगा, जो उनकी सरकार को अस्थिर और अल्पकालिक बना सकता है।
एलडीपी ने यह गठबंधन बौद्ध समर्थित कोमेतो पार्टी के साथ संबंध टूटने के बाद किया, जो अधिक उदार और मध्यमार्गी मानी जाती है। ताकाइची आज अपने मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगी, जिसमें एलडीपी के सबसे प्रभावशाली नेता तारो आसो और उनके समर्थकों को शामिल किए जाने की उम्मीद है। ताकाइची के सामने अब कई चुनौतियां हैं जिनमें इस सप्ताह एक प्रमुख नीतिगत भाषण, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत और क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन शामिल हैं। उन्हें बढ़ती कीमतों और आर्थिक असंतोष को दूर करने के लिए दिसंबर के अंत तक राहत उपाय तैयार करने होंगे।
वह जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं, लेकिन लैंगिक समानता और विविधता को बढ़ावा देने की उनमें कोई जल्दबाजी नहीं है। वह महिला सशक्तिकरण के उपायों का लंबे समय से विरोध करती रही हैं, वह शाही परिवार में केवल पुरुष उत्तराधिकार का समर्थन करती हैं और समान-लैंगिक विवाह और विवाहित दंपतियों के अलग उपनाम रखने के अधिकार के खिलाफ हैं।
वह जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी मानी जाती हैं। पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर की प्रशंसक ताकाइची 1993 में पहली बार संसद के लिए चुनी गई थीं और उन्होंने कई वरिष्ठ पदों पर काम किया है, जिनमें आंतरिक मामलों और आर्थिक सुरक्षा मंत्री के पद शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने जापान की नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री साने ताकाइची को बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को जापान की प्रधानमंत्री निर्वाचित होने पर साने ताकाइची को बधाई दी तथा कहा कि वह दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं। जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री निर्वाचित ताकाइची ने शिगेरु इशिबा का स्थान लिया है।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जापान के प्रधानमंत्री के रूप में आपके निर्वाचन पर हार्दिक बधाई साने ताकाइची।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत-जापान विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के वास्ते आपके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं। हमारे गहरे होते संबंध हिंद-प्रशांत और उससे आगे शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।’’