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सलमान रुश्दी के हमलावर ने कोर्ट में कहा, 'वो हत्या के प्रयास के लिए दोषी नहीं है'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 14, 2022 16:31 IST

भारतीय मूल के 75 साल के लेखक सलमान रुश्दी को जान से मारने वाले 24 साल के हादी मटर ने शनिवार को कोर्ट में पेशी के दौरान अनुराध किया कि उस पर हत्या के प्रयास के आरोप न लगाया जाए।

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ठळक मुद्देसलमान रुश्दी पर हमला करने वाले हादी मटर ने कोर्ट में कहा कि वो हत्या के प्रयास का आरोप नहीं हैजबकि सलमान रुश्दी को जान से मारने के लिए उसने करीब 10 बार छुरे से वार किया थाआरोपी मटर मूलतः लेबनान का है, लेकिन उनका जन्म अमेरिका में हुआ है और अमेरिकी नागरिक है

न्यूयॉर्क: भारतीय मूल के विश्व प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी पर प्राणघातक हमला करने वाले 24 साल से आरोपी हादी मटर को कोर्ट में पेशी के दौरान कहा कि उसके उपर सलमान की हत्या के प्रयास का आरोप न लगाया जाए।हादी मटन ने बीते शुक्रवार को एक साहित्यिक कार्यक्रम में 75 साल के सलमान रुश्दी को जान से मारने के लिए करीब 10 बार उसकी गर्दन, गले और पेट में छुरा घोंपा लेकिन शनिवार को कोर्ट में पेशी के दौरान उसने कोर्ट से अनुराध किया कि उस पर हत्या के प्रयास के आरोप न लगाया जाए।

वहीं न्यूयॉर्क की अदालत में राज्य अभियोजन ने कोर्ट में उसकी अपील को अस्वीकार करते हुए कहा कि हादी मटर ने हत्या की मंशा से रुश्दी पर लगभग 10 बार छुरे से हमला किया, जिससे सिद्ध होता है कि हादी का रुश्दी पर किया गया हमला पूर्व सुनियोजित और कत्ल के इरादे से किया गया था।

न्यूयॉर्क पुलिस ने हमले के आरोपी मटर को अपनी हिरासत में रखा है और उस पर हत्या की दूसरी डिग्री के साथ-साथ हथियार से जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया गया है। फिलहाल पुलिस ने उसकी पृष्ठभूमि या हमले की वजह के बारे में कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की है।

मटर के बारे में अब तक जो सूचनाएं सार्वजनिक हुई हैं, उसके मुताबिक मटर का परिवार दक्षिणी लेबनान के यारौन गांव से आता है, हालांकि उनका जन्म अमेरिका में हुआ है और अमेरिकी नागरिक है। हमले के अगले दिन शनिवार को एएफपी के एक रिपोर्टर ने लेबनान में उसके मूल गांव का दौरा किया।

एएफपी के रिपोर्टर ने बताया कि मटर के माता-पिता का तलाक हो चुका है और उनके पिता एक चरवाहे के तौर पर यारौन में ही रहते हैं। पत्रकारों ने मटर द्वारा किये गये कृत्य के विषय में जब उसके पिता से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने घर पहुंचने वाले पत्रकारों को दहलीज से ही भगा दिया।

वहीं दूसरी ओर सलमान रुश्दी पर हुए जानलेवा हमले पर अफसोस जाहिर करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, "सलमान रुश्दी अपनी कहानियों में मानवता की अंतर्दृष्टि की बेजोड़ भावना के साथ लचीले तरीके से सत्य को कहने का साहस रखते हैं। अमेरिका को उन पर हुए जानलेवा हमले का बेहद अफसोस है।”

मालूम हो कि बीते शुक्रवार को न्यूयॉर्क में आयोजिक साहित्य के एक कार्यक्र में उनपर जानलेवा हमला हुए। जिसमें रुश्दी बुरी तरह से घायल हो गये थे। हमले के फौरन बाद उन्हें हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी आपातकालीन सर्जरी की गई।

रुश्दी के एजेंट एंड्रयू वायली ने कहा कि रुश्दी के सेहत में सुधार हो रहा है और उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया है। वो हल्का बहुत बोल भी पा रहे हैं लेकिन उनकी एक आंख खोने का खतरा बना हुआ है।

सलमान रुश्दी 'द सैटेनिक वर्सेज' और 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' लिखने के बाद विश्व स्तर पर चर्चा में आये थे। रुश्दी की किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' इतनी विवादित हुई थी कि विश्व में सबसे पहले भारत ने उस पर पाबंदी लगाई थी। उसके बाद साल 1989 में ईरान के पहले सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला खुमैनी ने उनकी कत्ल के लिए फवा जारी कर दिया था। जिसके बाद तकरीबन 8 साल तक सलमान रुश्दी को छुपकर रहना पड़ा था।

टॅग्स :Salman RushdieईरानभारतIranIndia
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