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साहित्य के लिए इस साल नोबेल पुरस्कार जीत सकते है सलमान रुश्दी, सट्टेबाजों ने बताया प्रबल दावेदार- मीडिया रिपोर्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 5, 2022 07:40 IST

सलमान रूश्दी पर हुए हमले को लेकर भारत ने भी अपनी पहली प्रतिक्रिया दी थी। इस पर बोलते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सप्ताहिक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा था, ‘‘भारत हमेशा से हिंसा और कट्टरपंथ के खिलाफ रहा है। हम सलमान रुश्दी पर हुए भयावह हमले की निंदा करने के साथ ही उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’

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ठळक मुद्देसलमान रूश्दी को सट्टाबाज साहित्य नोबेल पुरस्कार जीतने का प्रबल दावेदार माना है। हालांकि किस बुनियाद पर यह दावेदारी की गई है, इसका अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। आपको बता दें कि सलमान रूश्दी पर इस साल अगस्त में पश्चिमी न्यूयॉर्क के एक कार्यक्रम में चाकू से हमला हुआ था।

लंदन: मुंबई में जन्मे लेखक सलमान रुश्दी को सट्टेबाजों ने गुरुवार को साहित्य के लिए इस साल का नोबेल पुरस्कार जीतने के लिए पसंदीदा दावेदारों में से एक बताया है। मीडिया की एक खबर में मंगलवार को यह जानकारी दी गई है। 

विवादास्पद 'सैटेनिक वर्सेज' के लेखक पर इस साल अगस्त में पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में चाकू से हमला किया गया था। आपको बता दें कि साहित्य के क्षेत्र में इस वर्ष के नोबेल पुरस्कार की घोषणा गुरुवार को की जाएगी। यह पुरस्कार उस व्यक्ति को दिया जाएगा, जिसने साहित्य के क्षेत्र में एक आदर्श दिशा में सबसे उत्कृष्ट काम किया हो। 

कौन है सलमान रुश्दी और क्या हुआ था उनके साथ

आपको बता दें कि रूश्दी द्वारा उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘सैटेनिक वर्सेज’ के प्रकाशन के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहोल्ला खोमेनेई द्वारा 1989 में उन्हें मारने को लेकर जारी किए गए फतवे के बाद से वे छिपकर रह रहे थे। दुनिया भर के बहुसंख्य मुसलमान इस उपन्याय को ईश निंदा के तौर पर देखते हैं। ऐसे में भारत इस उपन्याय पर प्रतिबंध लगाने वाले शुरुआती कुछ देशों में शामिल हैं । 

ज्ञात हो कि पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्का संस्थान में 12 अगस्त को एक कार्यक्रम के दौरान अपना व्याख्यान शुरू करने जा रहे 75 वर्षीय सलमान रुश्दी पर एक व्यक्ति ने गले पर चाकू से वार कर दिया था। रूश्दी पर हमला करने वाले की पहचान 24 वर्षीय हादी मातर के रूप में की गई है। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराई गई है जहां उनका चल रहा है। 

गौरतलब है कि रूश्दी पर हमले के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा था कि ईरान के सरकारी संस्थानों ने रूश्दी के खिलाफ हिंसा को उकसाया क्योंकि लेखक हमेशा सर्वभौम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिये खड़े होते रहे । 

हमले पर भारत ने भी पहली बार दी थी प्रतिक्रिया

जाने माने लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले के मामले में पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने इस ‘भयावह हमले’ की निंदा की और रुश्दी के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सप्ताहिक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत हमेशा से हिंसा और कट्टरपंथ के खिलाफ रहा है। हम सलमान रुश्दी पर हुए भयावह हमले की निंदा करने के साथ ही उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’ 

आपको बता दें कि सलमान रूश्दी पर हुए इस हमले की पूरे विश्व में निंदा की गई थी और उनके लिये समर्थन व्यक्त किया गया था। 

(भाषा इनपुट)

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