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रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरे हुए, पूर्व रूसी राष्ट्रपति बोले- जरूरत पड़ी तो रूसी सेना पोलैंड की सीमाओं तक जाएगी

By शिवेंद्र राय | Updated: February 24, 2023 16:27 IST

रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरे होने पर जी-7 देशों के वित्त मंत्रियों ने गुरुवार को यूक्रेन के लिए इस समूह की ओर से आर्थिक सहायता बढ़ाकर 39 अरब डॉलर कर दी है। पश्चिमी देश और अमेरिका लगातार युद्ध में यूक्रेन के साथ खड़े हैं और उसे पैसों के अलावा हथियार भी मुहैया करा रहे हैं।

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ठळक मुद्देरूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरे हुएपूर्व रूसी राष्ट्रपति बोले- विशेष सैन्य अभियान के सभी लक्ष्यों तक पहुंचना महत्वपूर्णजेलेंस्की ने कहा- हम इस साल जीत हासिल करने के लिए सब कुछ करेंगे

नई दिल्ली: 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। तब रूसी राष्ट्रपति ने इसे विशेष सैन्य अभियान बताया था। अब इस युद्ध को शुरू हुए एक साल हो गए हैं लेकिन इसके अंत की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है। इस बीच दोनो देशों को नुकसान उठाना पड़ा है। यूक्रेन में जहां भारी तबाही हुई है वहीं रूस को भी हजारों सैनिक और अधिकारी खोने पड़े हैं।

हालांकि इस जंग के एक साल पूरे होने पर दोनो ही देशों के नेताओं ने अपनी जीत की बात कही है और कई दावे किए हैं। रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने जंग के एक साल पूरे होने पर विजय का प्रण लेते हुए कहा कि उनका देश यूक्रेन में विजयी होगा और आवश्यक हुआ तो रूसी सेना पोलैंड की सीमाओं तक जाएगी।

मेदवेदेव ने कहा, "विशेष सैन्य अभियान के सभी लक्ष्यों तक पहुंचना महत्वपूर्ण है। हमारे देश के खिलाफ खतरों की सीमाओं को पीछे धकेलने के लिए रूसी सेना को पोलैंड की सीमाओं तक भी जाना पड़े तो जाएगी।"

वहीं दूसरी तरफ यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन ने पिछले एक साल में दिखाया है कि वह हार नहीं मानेगा। सोशल मीडिया पर दिए गए एक संदेश में जेलेंस्की ने कहा, "हम हारे नहीं, हम लड़ रहे हैं। हम इस साल जीत हासिल करने के लिए सब कुछ करेंगे।  बुचा, मारियुपोल और इरपिन हमारी बहादुरी की निशानियां हैं। यूक्रेन ने दुनिया को प्रेरित और एकजुट किया है।"

इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरे होने पर जी-7 देशों के वित्त मंत्रियों ने गुरुवार को यूक्रेन के लिए इस समूह की ओर से आर्थिक सहायता बढ़ाकर 39 अरब डॉलर कर दी है। पश्चिमी देश और अमेरिका लगातार युद्ध में यूक्रेन के साथ खड़े हैं और उसे पैसों के अलावा हथियार भी मुहैया करा रहे हैं। 

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका समेत कई मुल्कों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। लेकिन इन अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद रूस आर्थिक बदहाली जैसी हालत में नहीं पहुंचा है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन अब भी युद्ध रोकने के पक्ष में दिखाई नहीं देते। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, कनाडा जैसे कई देश जहां खुलकर यूक्रेन के साथ हैं वहीं भारत इस मुद्दे पर तटस्थ रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि ये युद्ध का दौर नहीं है और दोनों को बातचीत के जरिए मुद्दे को हल करना चाहिए।

टॅग्स :रूस-यूक्रेन विवादरूसयूक्रेनभारतअमेरिकाव्लादिमीर पुतिन
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