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पीओके के चुनाव में पीटीआई ने जीती अधिकतर सीटें, चुनाव में धांधली के आरोप

By भाषा | Updated: July 26, 2021 11:52 IST

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सज्जाद हुसैन

इस्लामाबाद, 26 जुलाई प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में हुए चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और क्षेत्र में अगली सरकार उसके नेतृत्व में बनेगी। हालांकि चुनाव में धांधली और हिंसा के आरोप लगे हैं। स्थानीय मीडिया ने अनौपचारिक नतीजों के हवाले से यह खबर दी है।

सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान’ की खबर के मुताबिक, पीटीआई ने 23 सीटें जीती हैं, जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) आठ सीटों के साथ दूसरे और फिलहाल सत्ता पर काबिज पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को सिर्फ छह सीटें मिली हैं।

मुस्लिम कांफ्रेंस (एमसी) और जम्मू कश्मीर पीपुल्स पार्टी (जेकेपीपी) को एक-एक सीट पर कामयाबी मिली है। उधर, जियो टीवी ने खबर दी है कि पीटीआई ने 25 सीटें जीतीं हैं, उसके बाद पीपीपी ने नौ और पीएमएल-एन ने छह सीटें जीतीं है। मुस्लिम कांफ्रेंस और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स पार्टी ने एक-एक सीट जीती है।

पीटीआई को सरकार बनाने के लिए साधारण बहुमत मिल गया है और उसे किसी अन्य पार्टी के समर्थन की जरूरत नहीं है। यह पहली बार है कि वह पीओके में सरकार बनाएगी। परंपरागत रूप से, देश की सत्ताधारी पार्टी ही पीओके में चुनाव जीतती है।

पीओके विधानसभा में कुल 53 सदस्य हैं लेकिन इनमें से केवल 45 पर सीधे निर्वाचन किया जाता है। इनमें पांच सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और तीन विज्ञान विशेषज्ञों के लिए हैं।

सीधे चुने जाने वाले 45 सदस्यों में से 33 सीटें पीओके के निवासी के लिए हैं और 12 सीटें शरणार्थी के लिए हैं, जो बीते वर्षों में कश्मीर से यहां आए थे और पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में बस गए है।

भारत ने इससे पहले गिलगित-बाल्तिस्तान में चुनाव कराने के पाकिस्तान के फैसले का विरोध किया था और कहा था कि सेना के जरिए कब्जाए गए क्षेत्र की स्थिति को बदलने का कोई कानूनी आधार नहीं है।

पीटीआई के बैरिस्टर सुल्तान महमूद चौधरी क्षेत्र के 'प्रधानमंत्री' की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। वह अपनी सीट जीत गए हैं। पूर्व 'प्रधानमंत्री' और पीएमएल-एन नेता राजा फारूक हैदर ने अपनी सीट बचा ली है। एक अन्य पूर्व 'प्रधानमंत्री' और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सरदार अतीक अहमद खान भी जीत गए हैं। पीओके के सरकार प्रमुख को ‘प्रधानमंत्री’ कहा जाता है।

पीओके के विभिन्न जिलों की 33 सीटों पर कुल 587 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा जबकि पाकिस्तान में बसे जम्मू-कश्मीर के शरणार्थियों की 12 सीटें पर 121 प्रत्याशी मैदान में थे।

पाकिस्तान के विपक्षी दलों, पीपीपी और पीएमएल-एन ने खान की पार्टी पर रविवार को हुए चुनावों में “धांधली” करने का आरोप लगाया है। पीपीपी की उपाध्यक्ष सीनेटर शेरी रहमान ने कहा, “ चुनाव में व्यवस्थित धांधली का सबूत है।"

उन्होंने कहा कि पीटीआई कार्यकर्ताओं ने मतदान के दौरान पीपीपी कार्यकर्ता पर हमला किया, जबकि पुलिस ने उनकी पार्टी के एक शिविर को उखाड़ फेंका। रहमान ने कहा कि "कई मतदान केंद्रों की मतदाता सूचियों में साफ फर्क है।”

पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरयम औरंगजेब ने एक बयान में दावा किया कि चुनाव में धांधली करने के लिए ‘‘पीटीआई के गुंडों ने’’ गुजरांवाला के अलीपुर छठा इलाके में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला किया। हालांकि, क्षेत्र के चुनाव आयोग ने आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से हुए हैं। मुख्य चुनाव आयोग अब्दुल राशिद सुलेहरिया ने मीडिया को बताया कि वह चुनाव प्रक्रिया से संतुष्ट हैं।

इससे पहले रविवार को कोटली जिले के चारहोई इलाके में एक मतदान केंद्र पर पीपीपी के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में पीटीआई के कम से कम दो कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि अज्ञात लोगों ने दो कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या कर दी।

सेना ने एक बयान में बताया कि क्षेत्र के लासवा इलाके में एक घुमावदार पहाड़ी सड़क मार्ग पर नीचे एक खड्ड में वाहन के गिर जाने से उसमें सवार कम से कम चार सैनिकों की मौत हो गई, जबकि तीन सैनिक और पेशे से ड्राइवर एक आम नागरिक घायल हो गए। ये सभी चुनाव के दौरान शांति बनाए रखने में मदद के लिए तैनात सैनिकों में शामिल थे। सेना के अनुसार, घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है।

वहीं, एक अन्य घटना में झेलम घाटी जिले में एक मतदान केंद्र पर जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं के हमले में पांच पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।

जियो न्यूज के मुताबिक, पीएमएल-एन के उम्मीदवार चौधरी मोहम्मद इस्माईल गुर्जर ने रविवार को धमकी दी कि अगर स्थानीय प्रशासन उनकी चिंताओं को दूर करने में नाकाम रहता है, तो वह "भारत की मदद मांगेंगे।’’ इससे पहले उनकी पार्टी के मतदान एजेंटों को एक मतदान केंद्र से हटा दिया गया था।

पीओके विधानसभा का पिछला आम चुनाव जुलाई 2016 में हुआ था और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की इसमें जीत हुई थी।

पीटीआई ने सभी 45 निर्वाचित क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवार उतारे थे जबकि पीएमएल-एन और पीपीपी ने 44 सीटों के लिए अपने उम्मीदवार उतारे थे। कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) जिसे पाकिस्तान सरकार ने उसकी हिंसक गतिविधियों के लिए अप्रैल में प्रतिबंधित कर दिया था, वह 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी।

विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकटधारियों के अलावा, कुल 261 निर्दलीय उम्मीदवार भी पीओके की 33 सीटों के लिए मैदान में थे जबकि 12 शरणार्थी सीटों पर 56 निर्दलीय उम्मीदवार थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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