पोप ने बेनेडिक्ट के फैसले को पलटा, ‘लातिन मास’ पर फिर लगाया प्रतिबंध
By भाषा | Updated: July 16, 2021 20:39 IST2021-07-16T20:39:05+5:302021-07-16T20:39:05+5:30

पोप ने बेनेडिक्ट के फैसले को पलटा, ‘लातिन मास’ पर फिर लगाया प्रतिबंध
रोम, 16 जुलाई (एपी) पोप फ्रांसिस ने शुक्रवार को ‘ओल्ड लातिन मास’ के प्रसार पर कार्रवाई करते हुए पूर्व पोप बेनेडिक्ट 16वें के फैसले को पलट दिया। परंपरावादी कैथोलिक सदस्यों ने इसकी निंदा करते हुए इसे उनपर और प्राचीन प्रार्थना पद्धति पर हमला बताया।
फ्रांसिस ने ‘लातिन मास’ (लातिन भाषा में प्रार्थना सभा) के आयोजन पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है। 2007 में बेनेडिक्ट ने इसकी छूट दी थी। पोप ने कहा कि बेनेडिक्ट के सुधार चर्च में विभाजन का स्रोत बन गए थे और कैथोलिक ‘सेकंड वेटिकन काउंसिल’ (1960 में हुई बैठक जिसमें प्रार्थना पद्धति को आधुनिक किया गया था) का विरोध करने के लिए एक औजार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। फ्रांसिस ने कहा कि उन्हें इस वजह से कार्रवाई करनी पड़ी।
फ्रांसिस ने एक नया कानून जारी किया है जिसमें व्यक्तिगत बिशप को ‘ओल्ड मास’ (प्राचीन तरीके से प्रार्थना करना) के लिए मंजूरी लेनी होगी। नए कानून के तहत बिशप को यह भी निर्धारित करना होगा कि क्या ‘ओल्ड मास’ से जुड़े धर्मालंबियों का मौजूदा समूह ‘वेटिकन द्वितीय’ को स्वीकार करता है जो प्रार्थना को लातिन भाषा के बजाय मातृ भाषा में करने की इजाजत देता है।
इसके अलावा फ्रांसिस ने कहा कि अब बिशप अपने धर्मप्रदेश में लातिन समर्थित नई प्रार्थना सभाओं के गठन को मंजूरी नहीं दे पाएंगे।
लातिन मास सोसाइटी इंग्लैंड एंड वेल्स के प्रमुख जोसेफ शॉ ने कहा कि सारे कानूनी प्रावधानों को बदलना काफी मायूस करने वाला है।
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