संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारतीय नागरिकों को आतंकवादी घोषित कराने की कोशिश की। सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान की ये चाल विपल हो गई है। पाकिस्तान भारत के दो नागरिकों को चीन की मदद से आतंकवादी घोषित कराने का प्रयास कर रहा था। पाकिस्तान की इस कोशिश को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में सुरक्षा परिषद में विफल कर दिया।
ऐसा पहली बार है जब पाकिस्तान भारतीय नागरिकों को आतंकवादी घोषित कराने का प्रयास किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, टी. एस. तिरुमूर्ति ने बुधवार (2 सितंबर) को इसकी जानकारी दी है।
भारतीय नागरिकों के खिलाफ पाकिस्तान UNSC में नहीं दे पाया पर्याप्त सबूत
पाकिस्तान ने यूएनएससी 1267 अल कायदा प्रतिबंध कमिटी सचिवालय से अनुरोध किया था कि भारतीय नागारिकों अंगरा अप्पाजी और गोबिंदा पटनायक को आतंकवादी घोषित किया जाए। लेकिन पाकिस्तान भारतीय नागरिकों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं दे पाया। जिसके बाद सुरक्षा परिषद के तीन स्थायी और दो गैर स्थायी सदस्यों ने यूएनएससी 1267 अल कायदा प्रतिबंध कमिटी सचिवालय से कहा कि वह पाकिस्तान के भारतीय नागारिकों अंगरा अप्पाजी और गोबिंदा पटनायक को आतंकवादी घोषित कराने के पाकिस्तानी प्रयास को विफल कर दे।
इस पूरे मामले पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, टी. एस. तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया, पाकिस्तान के आतंकवाद को धार्मिक रंग देकर राजनीतिकरण के प्रयास को सुरक्षा परिषद ने सिरे से खारिज कर दिया है। हम भारत की ओर से पाकिस्तान की गलत साजिश को ब्लॉक करने वाले देशों को धन्यवाद देते हैं।
पाकिस्तान इससे पहले भी भारतीय नागिरकों को आतंकवादी घोषित करने की कर चुका है कोशिश
पाकिस्तान ने इस साल के शुरुआत में पहले भी दो अन्य भारतीयों वेनुमाधव डोंगरा और अजय मिस्त्री को आतंकी घोषित कराने का प्रयास किया था, जिसे अमेरिका ने ब्लॉक कर दिया था। पाकिस्तान उस वक्त भी वेनुमाधव डोंगरा और अजय मिस्त्री के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं दे पाया था। पाकिस्तान अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों पर पैनी नजर रख रहा है। बिना किसी सबूत के उन्हें आतंकी घटनाओं से जोड़ का देखा जा रहा है।
भारत ने पिछले साल 2019 में यूएनएससी 1267 समिति द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करा चुका है। पाकिस्तान के भारत के इन 4 नागरिकों के खिलाफ ये कार्रवाई एक बदले के तौर पर देखा जा रहा है।