पाकिस्तान चुनाव रिजल्टः अगले प्रधानमंत्री होंगे इमरान खान? किंग मेकर की भूमिका निभा सकती है PPP
By रामदीप मिश्रा | Published: July 26, 2018 05:38 AM2018-07-26T05:38:44+5:302018-07-26T05:38:44+5:30
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 43 सीटों पर आगे चल रही है। इससे संकेत मिलते हैं कि यदि इस संसदीय चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो पीपीपी ‘ किंगमेकर ’ की भूमिका निभा सकती है।
इस्लामाबाद, 26 जुलाईः पाकिस्तान में बुधवार को हुए आम चुनावों के बाद वोटों की गिनती शुरू हो गई है। रातभर हुई वोटों की गिनती के बाद तस्वीर साफ होने लगी है कि पाकिस्तान का अगले प्रधानमंत्री इमरान खान होंगे। दरअसल, इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ (पीटीआई) 112 संसदीय सीटों पर आगे चल रही है। जबकि पीटीआई की मुख्य प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 65 सीटों पर आगे है।
पीपीपी 39 सीटों पर चल रही आगे
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 43 सीटों पर आगे चल रही है। इससे संकेत मिलते हैं कि यदि इस संसदीय चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो पीपीपी ‘ किंगमेकर ’ की भूमिका निभा सकती है। अभी कुल 272 सीटों में से 270 सीटों के रुझान प्राप्त हुए हैं। काजी हुसैन अहमद की अगुवाई वाली जमात- ए-इस्लामी , जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल, जमीयत उलेमा-ए-पाकिस्तान और तहरीक-ए-जफरिया जैसी पारंपरिक क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल और मुत्ताहिदा कौमी मूलमेंट (एमक्यूएम) क्रमश : नौ और पांच सीटों पर आगे चल रही हैं।
नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं जिनमें से 272 को सीधे तौर पर चुना जाता है जबकि शेष 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। आम चुनावों में पांच फीसदी से ज्यादा वोट पाने वाली पार्टियां इन आरक्षित सीटों पर समानुपातिक प्रतिनिधित्व के हिसाब से अपने प्रतिनिधि भेज सकती हैं। कोई पार्टी तभी अकेले दम पर सरकार बना सकती है जब उसे 172 सीटें हासिल हो जाए।
चुनाव मैदान में थे 3,459 उम्मीदवार
चुनाव आयोग के मुताबिक , नेशनल असेंबली की 272 जनरल सीटों के लिए 3,459 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। जबकि चार प्रांतीय विधानसभाओं-पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनख्वा-की 577 जनरल सीटों के लिए 8,396 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन चुनावों में 30 से ज्यादा राजनीतिक पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। 297 सीटों में से 289 सीटों पर मिले रुझान के मुताबिक पंजाब असेंबली में पीएमएल-एन और पीटीआई के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है जहां दोनों क्रमश : 133 और 118 सीटों पर आगे चल रहे हैं।
सिंध असेंबली में पीपीपी चल रही आगे
सिंध असेंबली में 131 सीटों में से 92 पर मिले रुझान के मुताबिक पीपीपी अपने गढ़ में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है जहां वह 60 सीटों पर आगे चल रही है। पीटीआई 11 सीटों पर आगे है। वहीं खैबर पख्तूनख्वा में पीटीआई 99 असेंबली सीटों में से 18 सीट पर आगे चल रही है जबकि आवामी नेशनल पार्टी छह सीटों पर आगे है। इससे पहले, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल - एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सहित कई प्रमुख पार्टियों ने मतदान की अवधि एक घंटा बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन इसके बावजूद मतदान अपने निर्धारित समय पर खत्म हुआ। राजनीतिक पार्टियों ने ‘‘मतदान की धीमी प्रक्रिया’’ की शिकायत की थी और मतदाताओं को और वक्त मुहैया कराने की मांग की थी। लेकिन चुनाव आयोग ने उनके अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया।
विस्फोट में 31 लोगों की मौत
आम चुनावों के लिए मतदान शुरू होने के कुछ घंटे बाद इस्लामिक स्टेट के एक फिदाइन हमलावर ने बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा के भोसा मंडी इलाके के एक मतदान केंद्र के बाहर विस्फोट में खुद को उड़ा लिया। इस हमले में कई पुलिसकर्मियों सहित 31 लोग मारे गए। पुलिस ने बताया कि चुनाव से जुड़ी हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में चार लोग मारे गए। कई मतदान केंद्रों के बाहर प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के बीच झड़पें हुईं।
सुबह सात बजे से ही कतारें लगनी हो गई थीं शुरू
पाकिस्तानी संसद के निचले सदन और चार प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों के लिए वोट करने के लिए करीब 10.6 करोड़ लोग वोटर के तौर पर पंजीकृत हैं। पाकिस्तान के 70 साल के इतिहास में यह चुनाव सत्ता का दूसरा लोकतांत्रिक परिवर्तन है। आधिकारिक तौर पर मतदान केंद्र सुबह आठ बजे खुले, लेकिन उत्साही नागरिक सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों के बाहर कतारों में खड़े नजर आए।
16 लाख चुनाव कर्मियों को किया गया तैनात
मतदान प्रक्रिया के लिए पाकिस्तान चुनाव आयोग ने देश भर में करीब 16 लाख चुनाव कर्मियों को मतदान केंद्रों पर तैनात किया। सुरक्षा के लिए करीब 4,49,465 पुलिसकर्मियों और 3,70,000 से ज्यादा सैन्यकर्मियों की तैनाती की गई। मतदान के मद्देनजर आज पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था। अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के रूढ़िवादी कबायली जिले अपर डीर की महिलाओं ने आज पहली बार चुनावों में वोट डाले।
महिलाओं को वोट डालने का मिला अधिकार
1970 के दशक में पाकिस्तान के पहले आम चुनावों के बाद से अब तक अपर डीर की महिलाएं सांस्कृतिक रूढ़ियों के कारण वोट डालने के अपने अधिकार से वंचित थीं। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने कहा था कि उन चुनाव क्षेत्रों में मतदान अमान्य करार दे दिया जाएगा जहां महिलाओं को वोट डालने से रोका जाएगा।
(खबर इनपुट-भाषा)
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