लाइव न्यूज़ :

‘आजादी मार्च’ को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तान ने किया इंतजाम, प्रदर्शनकारी मांग रहे इमराम खान का इस्तीफा

By भाषा | Updated: October 31, 2019 19:33 IST

दक्षिणपंथी जमीयत उलेमा ए इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ मिलकर सिंध प्रांत से 27 अक्टूबर को आजादी मार्च शुरू किया था। इसके गुरुवार को इस्लामाबाद पहुंचने का कार्यक्रम है।

Open in App
ठळक मुद्देपाकिस्तानी प्रशासन ने ‘आजादी मार्च’ के तहत बड़ी संख्या में इस्लामाबाद आ रहे प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं।शहर में प्रवेश करने के रास्तों को ‘शिपिंग कंटेनर’ से बाधित कर दिया गया है और बड़ी संख्या में सेना के जवानों की तैनाती की गई है।प्रदर्शनकारी 2018 के आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

पाकिस्तानी प्रशासन ने ‘आजादी मार्च’ के तहत बड़ी संख्या में इस्लामाबाद आ रहे प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। शहर में प्रवेश करने के रास्तों को ‘शिपिंग कंटेनर’ से बाधित कर दिया गया है और बड़ी संख्या में सेना के जवानों की तैनाती की गई है। प्रदर्शनकारी 2018 के आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

दक्षिणपंथी जमीयत उलेमा ए इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ मिलकर सिंध प्रांत से 27 अक्टूबर को आजादी मार्च शुरू किया था। इसके गुरुवार को इस्लामाबाद पहुंचने का कार्यक्रम है। रहमान ने इमरान पर धांधली कर चुनाव जीतने का आरोप लगाया है। उन्होंने खान पर आर्थिक कुप्रबंधन, अकुशल एवं खराब शासन के चलते आम लोगों की जिंदगी को दुष्कर बनाने का आरोप भी लगाया है।

‘आजादी मार्च’ के सकुर, मुल्तान और लाहौर सहित विभिन्न शहरी इलाकों से गुजरने के दौरान रहमान के और समर्थक इससे जुड़ते चले गए। इस दौरान वह भीड़ को संबोधित भी करते रहे। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को रेड जोन में प्रवेश करने से रोकने के लिए शिपिंग कंटेनर के अलावा कंटीले तार भी लगाए गए हैं।

रेड जोन में ही अहम सरकारी इमारतों के साथ विदेशी दूतावास मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त पुलिस कर्मियों और अर्धसैनिक बलों की भी इस्लामाबाद में तैनाती की गई है।

डान अखबार की खबर के अनुसार सरकार ने राजधानी के संवेदनशील इलाकों में सेना के जवानों की तैनाती की है ताकि विपक्ष के शक्तिप्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था कायम रखी जा सके।

इस्लामाबाद के स्थानीय प्राशासन ने पेशावर मोड़ इलाके में एक विशाल मैदान को प्रदर्शनकारियों के एकत्र होने एवं रैली करने के लिए निर्धारित किया है। गृह मंत्रालय की बुधवार को हुई बैठक में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा एवं उन्हें निर्धारित रास्ते से ही भेजने के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था करने का फैसला किया। इसके तहत पहली पंक्ति में पुलिस होगी, उसके पीछे अर्धसैनिक बल के जवान तैनात होंगे और तीसरी पक्ंति में सेना के जवानों की तैनाती अहम इमारतों में की जाएगी।

अभी यह तय नहीं है कि प्रदर्शनकारी रैली के बाद वापस लौट जाएंगे या फिर मांग पूरी होने तक वहीं बैठे रहेंगे। इस बीच, खान और उनकी पार्टी ने इस्तीफा देने की मांग को खारिज कर दिया है लेकिन अन्य मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया है।

टॅग्स :पाकिस्तानइमरान खान
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar: फिल्म में दानिश पंडोर निभा रहे हैं उज़ैर बलूच का किरदार, कराची का खूंखार गैंगस्टर जो कटे हुए सिरों से खेलता था फुटबॉल, देखें उसकी हैवानियत

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्व'इमरान खान ज़िंदा और ठीक हैं': पाकिस्तान के पूर्व पीएम की बहन ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में उनसे मिलने के बाद दिया बयान | VIDEO

विश्वपाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जिंंदा हैं या नहीं!

विश्व अधिक खबरें

विश्व‘बार’ में गोलीबारी और तीन बच्चों समेत 11 की मौत, 14 घायल

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?