पशुपतिनाथ मंदिर में आरती से पहले राष्ट्र गान का आदेश, आरती से जुड़े संगठन को कार्रवाई की चेतावनी
By भाषा | Published: September 12, 2019 01:14 AM2019-09-12T01:14:27+5:302019-09-12T01:14:27+5:30
‘बाग्मती आरती परिवार’ पिछले 12 साल से पशुपतिनाथ मंदिर में हर शाम गंगा आरती करता आ रहा है। यह आरती मंदिर के पास स्थित बाग्मती नदी के किनारे की जाती है
नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के अधिकारी आरती से पहले राष्ट्र गान न बजाने पर ‘बाग्मती आरती परिवार’ के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं क्योंकि सरकार ने आरती से पहले राष्ट्र गान बजाना अनिवार्य कर दिया है। हिमालय टाइम्स ने खबर दी है कि मंदिर का प्रबंधन देखने वाले पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट (पीएडीटी) ने संगठन को आरती से पहले राष्ट्र गान न बजाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
‘बाग्मती आरती परिवार’ पिछले 12 साल से पशुपतिनाथ मंदिर में हर शाम गंगा आरती करता आ रहा है। यह आरती मंदिर के पास स्थित बाग्मती नदी के किनारे की जाती है। नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री योगेश भट्टाराई ने गत 26 अगस्त को निर्देश दिया कि आरती से पहले राष्ट्र गान बजाया जाना चाहिए। ‘
बाग्मती आरती परिवार’ ने निर्देश के अनुसार 30 अगस्त से राष्ट्र गान बजाना शुरू कर दिया, लेकिन तीन सितंबर से इसे बंद कर दिया। अखबार के अनुसार इस पर पीएडीटी के सदस्य सचिव प्रदीप ढाकल ने कहा, ‘‘यदि हमारे निर्देश का पालन नहीं किया जाता तो हम मंदिर में बाग्मती परिवार के आरती करने पर प्रतिबंध लगा देंगे।’’
पीएडीटी ने परिवार को अपने कार्यालय में तलब किया है। ढाकल ने कहा, ‘‘हमने अभी उनकी (परिवार) बात नहीं सुनी है। यदि वे हमारे निर्देश की लगातार अनदेखी करेंगे तो हम उन्हें प्रतिबंधित कर देंगे और उनकी जगह खुद आरती करेंगे।’’ वहीं, परिवार ने कहा कि उसने आलोचना के चलते आरती से पहले राष्ट्र गान बजाना बंद कर दिया।
परिवार के उपाध्यक्ष वासुदेव शास्त्री ने कहा, ‘‘जहां आरती की जाती है, उसके पास ही श्मशान घाट है। राष्ट्र गान बजाने से वहां आने वाले शोक संतप्त लोगों को असुविधा होती है क्योंकि राष्ट्र गान बजने पर हर किसी का खड़ा होना अनिवार्य है। लोगों के एक तबके की ओर से इसकी (राष्ट्र गान बजाने) आलोचना हो रही है।’’ हालांकि, पीएडीटी की अध्यक्षता करने वाले मंत्री भट्टाराई ने यह स्पष्ट नहीं किया कि आरती से पहले राष्ट्र गान क्यों बजाया जाना चाहिए?