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कतर में संयुक्त राष्ट्र की अफगानिस्तान संकट वार्ता के लिए तालिबान को नहीं दिया गया निमंत्रण

By रुस्तम राणा | Updated: May 1, 2023 15:54 IST

इस वार्ता में अफगानिस्तान के शासकों से कैसे निपटा जाए और उन पर महिलाओं के काम करने और लड़कियों के स्कूल जाने पर लगे प्रतिबंध को कम करने के लिए दबाव बनाने के लिए कतर में सोमवार से संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई वाली वार्ता शुरू होगी।

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ठळक मुद्दे अफगान संकट को लेकर कतर में सोमवार से संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई वाली दो दिवसीय वार्ता शुरू होगीइस बैठक में यूएसए, रूस, पाकिस्तान और EU के दानदाता देश समेत 25 मुल्कों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगेवार्ता के लिए अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को आमंत्रित नहीं किया गया है

दोहा: कतर में आयोजित में होने वाली संयुक्त राष्ट्र की अफगानिस्तान संकट वार्ता के लिए तालिबान को निमंत्रण नहीं दिया गया है। इस वार्ता में अफगानिस्तान के शासकों से कैसे निपटा जाए और उन पर महिलाओं के काम करने और लड़कियों के स्कूल जाने पर लगे प्रतिबंध को कम करने के लिए दबाव बनाने के लिए कतर में सोमवार से संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई वाली वार्ता शुरू होगी।

अफगान संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दो दिवसीय वार्ता बुलाई है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस के साथ-साथ प्रमुख यूरोपीय सहायता दाताओं और पाकिस्तान जैसे प्रमुख पड़ोसियों के दूत समेत लगभग 25 देशों और समूहों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। हालांकि, तालिबान सरकार को आमंत्रित नहीं किया गया है। अफगानिस्तान स्थापित तालिबान शासन में महिला अधिकारों को लेकर दुनिया चिंतित है।  

अगस्त 2021 में सत्ता में लौटने वाले शासकों को मान्यता देने के किसी भी कदम का विरोध करने के लिए अफगान महिलाओं के एक छोटे समूह ने काबुल में एक सप्ताहांत विरोध मार्च निकाला। हालांकि संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राज्य अमेरिका ने जोर देकर कहा है कि मान्यता एजेंडे में नहीं है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि टिप्पणियों का गलत अर्थ निकाला गया। किसी भी देश ने तालिबान प्रशासन के साथ औपचारिक संबंध स्थापित नहीं किए हैं और संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता केवल संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा तय की जा सकती है।

गुटेरेस के दोहा आगमन से पहले उनके कार्यालय ने कहा कि बैठक का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों, समावेशी शासन, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करने पर "तालिबान के साथ कैसे जुड़ना है, इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर एक आम समझ हासिल करना है।"

टॅग्स :तालिबानअफगानिस्तानसंयुक्त राष्ट्र
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