नेपाली सेना के जनरल ने विदेश नीति में सेना के ‘उचित स्थान’ की वकालत की, आलोचना शुरू

By भाषा | Updated: November 10, 2021 21:07 IST2021-11-10T21:07:25+5:302021-11-10T21:07:25+5:30

nepali army general advocates army's 'proper place' in foreign policy, criticism begins | नेपाली सेना के जनरल ने विदेश नीति में सेना के ‘उचित स्थान’ की वकालत की, आलोचना शुरू

नेपाली सेना के जनरल ने विदेश नीति में सेना के ‘उचित स्थान’ की वकालत की, आलोचना शुरू

(शिरिष बी प्रधान)

काठमांडू, 10 नवंबर नेपाली सेना के जनरल ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए सेना प्रमुख के पहले भारत दौरे का इस्तेमाल देश के विदेश नीति में सेना के ‘उचित स्थान’की वकालत करने में किया है।

ब्रिगेडियर जनरल संतोष बाल्लावे पौडयाल ने मंगलवार को काठमांडू पोस्ट में लिखे लेख में जोर दिया है कि बड़े और छोटे देशों की राष्ट्रीय कोशिशों में सैन्य कूटनीतिक आवश्यक हिस्सा बनती जा रही है।

नेपाली सेना के प्रवक्ता पौडयाल ने लिखा कि जनरल प्रभु राम शर्मा की भारत यात्रा ‘‘ उसकी सैन्य कूटनीति की आधारशिला है। हालांकि, यही बात देश के विदेश सेवा समुदाय के बारे में नहीं कही जा सकती जो इस शब्द के प्रति अनिच्छुक है।’’

पौडयाल का यह लेख, ‘‘ इन डिफेंस ऑफ मिलिट्री डिप्लोमेसी’ शीर्षक से छपा है और यह संयोग है कि लेख तब छपा जब जनरल शर्मा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्ष 1950 में शुरू परंपरा के तहत भारतीय सेना के मानद जनरल पद से सम्मानित किया।

नेपाल ने भारतीय सेना के अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे को पिछले साल नवंबर में काठमांडू के दौरे के दौरान नेपाल के मानद जनरल पद से सम्मानित किया था।

पौडयाल ने लिखा, ‘‘इस यात्रा को केवल परंपरा के निर्वहन के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। बल्कि इसे सकारात्मक संपर्क के तौर पर देखा जाना ताकि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को सुलझाने के लिए सौहार्द्रपूर्ण माहौल बनाया जा सके।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘चूंकि दोनों देशों के बीच कई अनसुलझे मामले हैं और चिंता का विषय है।नियमित संवाद और सहयोग तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए और कूटनीतिक कार्य करने के लिए आवश्यक है।’’

नेपाली सेना के प्रवक्ता ने लिखा, ‘‘ यह वृहद राष्ट्रहित में होगा कि सैन्य कूटनीति के महत्व को स्वीकार किया जाए और उसे नियत स्थान सार्वजनिक नीति में दिया जाए।’’

पौडयाल के इस लेख की यहां आलोचना भी शुरू हो गई है। सत्तारूढ़ गठबंधन में साझेदार जनता समाजवादी पार्टी के नेता रमेश चंद्र प्रधान ने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक देश में सेना को सार्वजनिक रूप से विदेश नीति के मामले में नहीं बोलना चाहिए।’’

वरिष्ठ पत्रकार और एबीपी नेपाल डॉट कॉम के संपादक युगनाथ शर्मा पौडयाल ने कहा, ‘‘यह आश्चर्यजनक है कि नेपाली सेना को क्यों मित्र पड़ोसी देशों के साथ नेपाल की कूटनीति के बारे में बात करनी पडी।

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