Nepal Gen-Z Protest: गद्दी छोड़ो प्रधानमंत्री ओली?, काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर में कर्फ्यू, भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो, देखिए वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 9, 2025 14:01 IST2025-09-09T13:31:06+5:302025-09-09T14:01:32+5:30
Nepal Gen-Z Protest LIVE: काठमांडू में हिंसक प्रदर्शन जारी रहने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों, मुख्यमंत्री कार्यालय और जनकपुर में इमारतों को आग लगा दी।

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Nepal Gen-Z Protest LIVE: नेपाल में नए सिरे से विरोध प्रदर्शन के बीच जेन जेड ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे और भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की नेपाल में मंगलवार को दूसरे दिन भी छात्रों के नेतृत्व में हिंसक सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी रहे। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक समारोहों पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग की और कई राजनीतिक नेताओं के आवासों में तोड़फोड़ की। नेपाल के कई हिस्सों में मंगलवार को छात्रों के नेतृत्व में नए सिरे से सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए। काठमांडू में हिंसक प्रदर्शन जारी रहने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों, मुख्यमंत्री कार्यालय और जनकपुर में इमारतों को आग लगा दी। काठमांडू में, प्रदर्शनकारी कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
STORY | Gen Z demands PM Oli's resignation, action against corrupt politicians as fresh protests erupt across Nepal
— Press Trust of India (@PTI_News) September 9, 2025
Violent student-led anti-government protests continued in Nepal for the second day on Tuesday, defying curbs on public gatherings, as demonstrators demanded the… pic.twitter.com/k9r0Te2U0Z
#WATCH | Nepal: Protesters set ruling party offices, CM office and buildings in Janakpur on fire as violent protesters in Kathmandu continue.
In Kathmandu, the protesters are demonstrating against alleged corruption. pic.twitter.com/0rkh0o0wIk— ANI (@ANI) September 9, 2025
नेपाल में मंगलवार को दूसरे दिन भी छात्रों के नेतृत्व में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन जारी रहे। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग की और कई नेताओं के आवासों में तोड़फोड़ की। ‘जेन ज़ी’ के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के कई हिस्सों में ‘‘केपी चोर, देश छोड़ो’’ और ‘‘भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो’’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने भक्तपुर के बालकोट स्थित प्रधानमंत्री ओली के आवास को आग लगा दी।
ओली फिलहाल बालुवतार स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हैं। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के नायकाप में पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक के आवास को भी आग लगा दी। इससे ठीक एक दिन पहले सोमवार को सोशल मीडिया साइटों पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने के बाद रमेश लेखक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
पुलिस की कार्रवाई में सोमवार को 19 लोगों की मौत हो गयी थी और 300 से अधिक अन्य घायल हो गए थे। काठमांडू के कलंकी, कालीमाटी, तहाचल और बानेश्वर के साथ-साथ ललितपुर जिले के च्यासल, चापागौ और थेचो इलाकों से भी प्रदर्शनों की खबरें आईं। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए ‘‘छात्रों को मत मारो’’ जैसे नारे लगाए।
#WATCH | Nepal: Drone visuals from the national capital city of Kathmandu as violent protests continue here over alleged corruption by the Government. pic.twitter.com/A2L10pqUXa
— ANI (@ANI) September 9, 2025
प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कलंकी में प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए टायर जलाए। मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलायीं, जिसमें चार लोग घायल हो गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारी युवकों ने ललितपुर जिले के सुनाकोठी स्थित संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के आवास पर भी पथराव किया। गुरुंग ने सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।
प्रदर्शनकारियों ने ललितपुर के खुमलतार स्थित पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के आवास पर तोड़फोड़ की। उन्होंने काठमांडू के बुद्धनीलकंठ में पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के घर के सामने भी प्रदर्शन किया। भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले कुछ समय से अभियान चला रहे ‘जेन-ज़ी’ समूह ने रेडिट और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल मंत्रियों और अन्य प्रभावशाली हस्तियों के बच्चों की फिजूलखर्ची भरी जीवनशैली को उजागर करने के लिए किया है।
"Closely monitoring" situation in Nepal: India asks its nationals to exercise caution
— ANI Digital (@ani_digital) September 9, 2025
Read @ANI Story | https://t.co/wlHYHricFX#Nepalprotest#India#GenZProtestpic.twitter.com/u1U23Eh24Y
उन्होंने वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करके उन धन-संपत्ति के स्रोतों पर सवाल उठाए हैं जिनसे कथित तौर पर भ्रष्ट तरीकों से धन प्राप्त होता है। उसका कहना है कि सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास है। नेपाल सरकार ने फेसबुक और 'एक्स' समेत 26 सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, क्योंकि वे पंजीकृत नहीं थीं।
Gen-Z protests intensify across Nepal, protestors attack leaders' residences; PM Oli calls all-party meet
— ANI Digital (@ani_digital) September 9, 2025
Read @ANI Story | https://t.co/siXTQ5FQmp#GenZProtest#Nepal#PMOlipic.twitter.com/L06QcStDl2
हालांकि, सोमवार देर रात को सरकार ने जनता के गुस्से को कम करने के लिए सोशल मीडिया साइटों पर लगाए प्रतिबंध को हटाने की घोषणा की थी। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा, एक राष्ट्रीय सरकार का गठन और भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शामिल है। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट में ओली के इस्तीफ़े और नयी सरकार के गठन की मांग की गई है।
‘जेन-ज़ी’ कार्यकर्ताओं के अनुसार, उनकी अन्य मांगों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी तथा राजनीतिक पद पर आसीन लोगों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु निर्धारित करना शामिल है। इस बीच, नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने प्रधानमंत्री ओली से तत्काल इस्तीफ़ा देने की मांग की है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री ओली को स्थिति की ज़िम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।’’ नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बिमलेंद्र निधि और अर्जुन नरसिंह केसी ने सुझाव दिया है कि पार्टी ओली के नेतृत्व वाली सरकार से अपने सभी मंत्रियों को वापस बुला ले, खुद सरकार बनाए और आंदोलनकारी ‘जेन-ज़ी’ समूह के साथ बातचीत शुरू करे।
निधि ने कहा कि संसद में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते नेपाली कांग्रेस को इस कठिन समय में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘नेपाली कांग्रेस को ओली के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेना चाहिए और राष्ट्रीय सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।’’
केसी ने यह भी कहा कि नेपाली कांग्रेस को सरकार से हट जाना चाहिए और एक सर्वदलीय सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। उन्होंने सत्ता में बैठे लोगों की संपत्ति की जांच करने और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए एक शक्तिशाली भ्रष्टाचार-विरोधी निकाय के गठन की भी मांग की।
साथ ही ‘जेन-ज़ी’ समूह के साथ बातचीत शुरू करने की भी मांग की। इस बीच, नेपाली कांग्रेस के दो मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफ़ा दे दिया। कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी और स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री प्रदीप पौडेल ने सोमवार को छात्र विरोध प्रदर्शनों पर सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
हालांकि, ओली सरकार में कुछ मंत्री अब भी पद पर बने हुए हैं। व्यापक भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी, लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण सोमवार को एक 12 वर्षीय छात्र सहित 20 युवकों की मौत हो गई और 300 से अधिक घायल हो गए।
नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री ओली ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज होने के बीच प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने मंगलवार को देश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। ओली ने एक बयान जारी करके बताया कि यह बैठक शाम छह बजे आयोजित की जाएगी, हालांकि बैठक स्थल का उल्लेख नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा, “हिंसा समाधान नहीं है। हमें बातचीत के जरिये शांतिपूर्ण समाधान निकालना होगा।” काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में कर्फ्यू लागू होने के बावजूद छात्रों के नेतृत्व में जारी प्रदर्शन और अधिक उग्र हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केवल गृहमंत्री के इस्तीफे से बात नहीं बनेगी, प्रधानमंत्री ओली को भी जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ना चाहिए।
गौरतलब है कि सोमवार को सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध के विरोध में युवाओं के हिंसक प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने के बाद गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया था। इस कार्रवाई में 19 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से अधिक घायल हो गए थे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “सिर्फ गृह मंत्री का इस्तीफा पर्याप्त नहीं है।
प्रधानमंत्री को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।” इस बीच, प्रमुख ऑनलाइन समाचार पोर्टल ने सोमवार को काठमांडू में हुई पुलिस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की तथा इसे नेपाल के हालिया इतिहास के सबसे घातक दिनों में से एक बताया है।
लोकप्रिय न्यूज पोर्टल उकेरा डॉट कॉम ने आठ सितंबर को “काला दिन” बताते हुए लिखा कि “नेपाल के इतिहास में एक ही दिन में सबसे अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हुई।” पोर्टल ने प्रधानमंत्री ओली से इस्तीफे की मांग की है।
एक अन्य समाचार पोर्टल रातोपाटी ने सरकार पर छात्रों और युवाओं पर अंधाधुंध गोलीबारी का आरोप लगाते हुए इस “कायराना कार्रवाई” को “अत्यंत निंदनीय” बताया। रातोपाटी ने लिखा कि युवाओं का यह आंदोलन राजनीतिक नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, बेरोजगारी और सामाजिक अव्यवस्था के खिलाफ हताशा से प्रेरित है।