नई दिल्ली: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को उनके भारत विरोधी और चीन के समर्थक होने के लिए जाना जाता है। लेकिन हाल फिलहाल उनके तेवर बदलते हुए नजर आ रहे हैं। इंडिया आउट कैंपेन चलाकर सत्ता में आए मुइज्जू ने पद संभालते ही सबसे पहला काम मालदीव में तैनात 75 भारतीय सैन्यकर्मियों को देश से निकालने का लिए। इसके बाद वह चीन से नजदीकियां बढ़ाते भी दिखे। लेकिन जब देश ऋण संकट में फंसा तो सबसे पहले भारत ही मदद के लिए आगे आया।
कुछ दिन पहले मालदीव की आजादी की 59वीं वर्षगांठ थी। इस अवसर पर आयोजित एक आधिकारिक समारोह में मोहम्मद मुइज्जू ने देश की नाजुक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया। मुइज्जू ने कहा कि चीन और भारत देश का कर्ज चुकाने में सबसे अधिक सहायता प्रदान करते हैं। मालदीव की समाचार एजेंसी adhadhu.com ने मुइज्जू के हवाले से कहा, "मैं मालदीव के लोगों की ओर से चीनी सरकार और भारत सरकार को अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, मालदीव के लोगों की खातिर हमारी आर्थिक संप्रभुता सुनिश्चित करने के इस प्रयास में सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं।"
हाल ही में भारत ने मालदीव को 400 करोड़ की सहायता की घोषणा की थी। यह घोषणा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में की थी। मोहम्मद मुइज्जू ने इसे मालदीव के लोगों लिए बेहद खास उपहार बताते हुए भारत को धन्यवाद कहा।
बता दें कि देश के चुनावी कैंपेन में मुइज्जू ने इंडिया आउट का नारा दिया था। इस अभियान के दौरान, भारत द्वारा दान किए गए हेलीकॉप्टर और डोर्नियर विमान का संचालन करने वाले लगभग 80 भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस भी भेज दिया गया। ये विमान आपात स्थिति और चिकित्सा निकासी सेवाओं के लिए दिए गए थे।
हालांकि 27 जुलाई को आई खबरों में ये भी बताया गया कि मालदीव ने भारत द्वारा उपहार में दिए गए डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल चिकित्सा निकासी सेवाओं के लिए फिर से शुरू कर दिया है। दोनों देशों के बीच मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्म का संचालन करने वाले भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी पर सहमति बनने के बाद यह कदम उठाया गया है। इस बार भारत से भेजे गए असैन्य दल के साथ इन सेवाओं को शुरू किया गया है। डोर्नियर विमान और हेलीकॉप्टर का संचालन पहले भारतीय सैन्यकर्मियों द्वारा किया जाता था और पिछले वर्ष नवम्बर में राष्ट्रपति मुइज्जू के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद इनका संचालन बंद कर दिया गया था।