किम जोंग-उन पर अफवाह सच या झूठ! खुफिया एजेंसियों के लिए जानकारी जुटा पाना हो रहा मुश्किल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 28, 2020 03:04 AM2020-04-28T03:04:36+5:302020-04-28T03:04:36+5:30
सियोल और वाशिंगटन सहित दुनिया भर में इस बात की चिंता है कि अगर किम को वास्तव में कुछ हो गया तो उत्तर कोरिया और उसके परमाणु कार्यक्रम का क्या होगा।
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन की सेहत को लेकर कई अफवाहें फैली हुई है। जिनका जवाब मीडिया और खुफिया एजेंसियों के लिए काफी भारी पड़ रहा है। मीडिया में जोंग-उन की खराब सेहत और मौत की अफवाहें शुरू हो चुकी है। दरअसल, सियोल और वाशिंगटन सहित दुनिया भर में इस बात की चिंता है कि अगर किम को वास्तव में कुछ हो गया तो उत्तर कोरिया और उसके परमाणु कार्यक्रम का क्या होगा। ऐसी स्थिति में दक्षिण कोरिया और अमेरिका को विशेष दिक्कत होगी क्योंकि दोनों देश पिछले दो साल से किम के संपर्क में रहे हैं।
हालांकि हाल के महीनों में बातचीत ठहर गयी है। दक्षिण कोरिया के एक मंत्री किम येओन-चुल ने रविवार को सियोल में एक बैठक में कहा कि दक्षिण कोरिया के पास "पर्याप्त खुफिया जानकारी है जिनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि प्रतिद्वंद्वी उत्तर कोरिया में कोई ‘असामान्य घटनाक्रम’ नहीं हुआ है जिससे किम जोंग उन के स्वास्थ्य के बारे में चल रही अटकलों का समर्थन मिलता हो।’’
एनबीटी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया की सेना या सुरक्षाकर्मियों के पास भी किम के स्वास्थ्य की जानकारी नहीं है क्योंकि यह सिर्फ उनकी ताकतवर बहन किम यो-जोंग सहित कुछ शीर्ष लोगों के साथ शेयर की जाती है।
बताते चलें कि किम उत्तर कोरियाई संस्थापक और अपने दादा किम इल सुंग की 108वीं जयंती पर 15 अप्रैल को आयोजित समारोह में शामिल नहीं हुए थे। उसके बाद से उनके स्वास्थ्य को लेकर अटकलें लगने लगीं। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने किम के स्वास्थ्य या उनकी सार्वजनिक गतिविधियों का कोई उल्लेख नहीं किया है। हालांकि उसने यह कहा कि उन्हें विदेशों से कुछ बधाई संदेश मिले हैं।
उत्तर कोरिया के सरकारी टीवी चैनल ने सोमवार को कहा कि किम ने पूर्वी तट पर एक पर्यटक रिसॉर्ट निर्माण स्थल पर श्रमिकों और अधिकारियों को धन्यवाद भेजा है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने सोमवार को कुछ अंतर-कोरियाई सहयोग परियोजनाओं को लेकर अपना प्रस्ताव दोहराया। इनमें कोरोना वायरस के मद्देनजर पृथक-वास अभियान शामिल है। मून ने यह भी कहा कि वह परस्पर समृद्धि के लिए प्रयास करेंगे जो दोनों देशों के नेताओं के बीच विश्वास पर आधारित हो। सोमवार को, किम के साथ मून की पहली शिखर बैठक के दो साल पूरे हो गए।