कनाडा में खालिस्तानी संगठन को लगा बड़ा झटका, स्कूलों में होने वाले 'खालिस्तान जनमत संग्रह' को सरकार ने किया रद्द
By अंजली चौहान | Updated: September 4, 2023 09:41 IST2023-09-04T09:34:27+5:302023-09-04T09:41:26+5:30
जनमत संग्रह 10 सितंबर को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर के तमनविस सेकेंडरी स्कूल में निर्धारित किया गया था।

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो
सरे:कनाडा में भारत के विरोध में साजिश कर रहे खालिस्तानी समर्थकों को बड़ा झटका लगा है। तथाकथित 'खालिस्तान जनमत संग्रह' को कनाडाई अधिकारियों ने रद्द कर दिया जिसके बाद एक पब्लिक स्कूल में इस आयोजन को नहीं करा जा सका।
गौरतलब है कि आयोजकों को द्वारा जनमत संग्रह 10 सितंबर को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर के तमनविस सेकेंडरी स्कूल में निर्धारित किया गया था। हालांकि, कनाडा प्रशासन से पहले इसकी अनुमति खालिस्तानी संगठन को दे दी थी लेकिन रविवार को यह आदेश वापस ले लिया गया।
सरे डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड के एक प्रवक्ता ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हमारे कराए गए समझौते के उल्लंघन के कारण हमारे एक स्कूल का सामुदायिक कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अनुमति वापस लेने का साफ कारण यह है कि कार्यक्रम की प्रचार सामग्री में हथियार की छवियों के साथ-साथ स्कूल की तस्वीरें भी थीं।
जनमत संग्रह के पोस्टर में वास्तव में एक एके-47 मशीन गन के साथ-साथ कृपाण भी थी। प्रशासन द्वारा इस मुद्दे पर बार-बार आपत्ति जताने के बाद भी उन्होंने इसे नहीं हटाया और यह फोटो सरे के सोशल मीडिया और शहर में नजर आई।
सरे डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड ने साफ कहा कि इस फैसले के बारे में आयोजकों को सूचना दे दी गई है। विज्ञाप्ति में यह भी कहा गया है कि एक स्कूल जिले के रूप में, हमारा प्राथमिक मिशन हमारे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सहायता प्रदान करना और हमारे स्कूल समुदायों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना है।
किराये सहित हमारे समझौते, नीतियां और दिशानिर्देश, हमारे समुदाय के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने में हमारे जिले का समर्थन करते हैं। हमारी सुविधाओं को किराए पर लेने वाले किसी भी व्यक्ति को इसका पालन करना होगा।
जानकारी के अनुसार, पिछले हफ्ते की शुरुआत में, जनमत संग्रह और इस उद्देश्य के लिए एक सरकारी स्कूल का इस्तेमाल किए जाने से परेशान भारतीय-कनाडाई लोगों ने स्कूल बोर्ड से शिकायत की थी कि स्कूल परिसर के चारों ओर तलविंदर सिंह परमार के पोस्टर चिपकाए गए थे।
परमार को एयर इंडिया की उड़ान 182, कनिष्क पर आतंकवादी बम विस्फोट का मास्टरमाइंड माना जाता है, जिसमें 23 जून 1985 को 329 लोगों की जान चली गई थी।
सरे के चिंतित निवासियों के पत्र में एके-47 की छवि का भी जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया कि स्कूल बोर्ड, सरे शहर और बीसी की प्रांतीय सरकार बंदूक हिंसा को दिन-दहाड़े बढ़ावा देने के लिए अभिभावकों के प्रति जवाबदेह है।
पत्र में उठाए गए मुद्दों को शनिवार को आउटलेट सरे टॉक रेडियो के साथ एक साक्षात्कार के दौरान सरे मेयर ब्रेंडा लॉक के सामने रखा गया।
मेजबान इवान स्कॉट ने स्पष्ट किया कि शहर तमनविस सेकेंडरी स्कूल या किसी अन्य सरे-नियंत्रित परिसर के लिए योजनाबद्ध खालिस्तानी आंदोलन या जनमत संग्रह गतिविधियों का समर्थन नहीं करता है और न ही कभी किया है।
सरे स्कूल डिस्ट्रिक्ट स्कूल परिसर का उपयोग कैसे करता है, इस पर सरे सिटी काउंसिल का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। उन्होंने एके-47 स्वचालित हथियार का चित्रण करने वाले पोस्टरों की भी कड़ी निंदा की और इसे बिल्कुल अस्वीकार्य बताया।
देश के विदेश मंत्रालय, ग्लोबल अफेयर्स कनाडा को एक औपचारिक संचार में, भारत ने पहले ही कनाडा के क्षेत्र को अलगाववादी जनमत संग्रह के लिए इस्तेमाल किए जाने पर अपनी नाराजगी दोहराई थी।
जबकि जनमत संग्रह के लिए एक और तारीख की घोषणा नहीं की गई है सिख फॉर जस्टिस या एसएफजे के जनरल वकील गुरपतवंत पन्नून ने खालिस्तान समर्थक तत्वों से 8 सितंबर को वैंकूवर में भारत के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आह्वान किया है।