फुकुशुमा के रेडियोएक्टिव 'जहरीले पानी' को समुद्र में छोड़ेगा जापान, चीन भड़का, जानिए क्या है पूरा मामला

By विनीत कुमार | Published: July 6, 2023 11:06 AM2023-07-06T11:06:23+5:302023-07-06T11:22:42+5:30

जापान को रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ने की मंजूरी अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) से मिलने पर चीन ने ऐतराज जताया है। कुछ और देशों ने भी इसे लेकर चिंता व्यक्त की है।

Japan will release Fukushuma's radioactive water into sea, China fumes | फुकुशुमा के रेडियोएक्टिव 'जहरीले पानी' को समुद्र में छोड़ेगा जापान, चीन भड़का, जानिए क्या है पूरा मामला

फुकुशुमा के रेडियोएक्टिव 'जहरीले पानी' को समुद्र में छोड़ेगा जापान, चीन भड़का, जानिए क्या है पूरा मामला

टोक्यो: जापान को संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी संस्था से रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ने की मंजूरी मिल गई है, जो 12 साल पहले फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना के बाद अब किया जाना है। हालांकि, इस योजना को लेकर विवाद भी सामने आ रहे हैं। चीन ने इस मंजूरी को लेकर सवाल उठाए हैं।

सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ने का यह निर्णय कई सालों के सोच-विचार के बाद आया है। दरअसल, जापान ने कहा था कि सीमित स्थान के कारण दूषित सामग्री को रखने के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं है।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने बुधवार को फुकुशिमा का दौरा भी किया। वे चार दिवसीय जापान यात्रा के तहत कई मेयर तथा मछली पकड़ने वाले संघ के नेताओं की चिंताओं को सुनने और उन्हें योजना की सुरक्षा का आश्वासन देने के लिए सरकार और संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे। 

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी के बावजूद, पड़ोसी देशों के कई निवासी और स्थानीय मछुआरे रेडियोधर्मी पानी को समुद्र में छोड़े जाने को लेकर चिंतित हैं।

चीन ने जताई नाराजगी, IAEA के फैसले पर सवाल

IAEA के निष्कर्षों पर कई संगठनों ने संदेह जताया है। चीन ने भी हाल ही में अपशिष्ट जल छोड़ने की वैधता पर सवाल उठाया है, और इस बात पर जोर दिया है कि IAEA के मूल्यांकन का कोई ठोस सबूत नहीं है।

दूसरी ओर आईएईए ने मंगलवार को जारी अंतिम रिपोर्ट में अपशिष्ट जल छोड़ने की योजना पर अपना निष्कर्ष पेश किया। इसमें कहा गया कि जल को काफी हद तक उपचारित करने की कोशिश की गई लेकिन इसमें अब भी कुछ रेडियोधर्मिता हैं। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और इसका पर्यावरण तथा स्वास्थ्य पर प्रभाव नगण्य होगा।

ये देश भी कर रहे IAEA के फैसले का विरोध

इन सबके बीच स्थानीय मछली पकड़ने वाले संगठन इस योजना के खिलाफ हैं, क्योंकि उन्हें चिंता है कि भले ही इससे जल दूषित न हो लेकिन उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान होगा। 

दक्षिण कोरिया, चीन और कुछ प्रशांत द्वीप राष्ट्र भी सुरक्षा चिंताओं और राजनीतिक कारणों से इसका विरोध कर रहे हैं। ग्रॉसी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आईएईए जल छोड़ने की प्रक्रिया की निगरानी एवं आकलन करना जारी रखेगा।

बताते चलें कि आईएईए अधिकारियों ने 2022 की शुरुआत से जापान की कई यात्राएं की हैं, हालांकि यह लगातार यह स्पष्ट किया है कि वह अपशिष्ट जल छोड़ने को रोकने सहित जापान की सरकार के लिए फैसला नहीं ले सकता है। 

जापान की सरकार ने अप्रैल 2021 में अपनी इस योजना का ऐलान किया था कि उपचारित लेकिन थोड़ी मात्रा में रेडियोधर्मी युक्त पानी को समुद्र में छोड़ा जाएगा।

गौरतलब है कि 11 मार्च 2011 में भूकंप और सुनामी ने फुकुशिमा दाइची संयंत्र की ‘कूलिंग प्रणाली’ को तबाह कर दिया था जिससे तीन रिएक्टर पिघल गए थे और बड़ी मात्रा में रेडिएशन का रिसाव हुआ था। जल करीब 1,000 टैंक में एकत्रित, उपचारित व संग्रहीत किया गया है।

Web Title: Japan will release Fukushuma's radioactive water into sea, China fumes

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