पाकिस्तान मंत्री शेख शहीद ने कुबूल की तालिबान को पनाह देने की बात, कहा- इस्लामाबाद लंबे समय से समूह का संरक्षक रहा है
By दीप्ती कुमारी | Published: September 2, 2021 09:48 AM2021-09-02T09:48:26+5:302021-09-02T09:52:11+5:30
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद हम न्यूज' के कार्यक्रम 'ब्रेकिंग प्वाइंट विद मलिक' पर कहा कि हमने तालिबान को सबकुछ दिया है । उन्हें आश्रय, घर और शिक्षा पाकिस्तान ने दी है ।
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने स्वीकार किया है कि इस्लामाबाद लंबे समय से तालिबान का 'संरक्षक' रहा है और उसने विद्रोही समूह को पनाह दी है । तालिबान ने 20 साल बाद वापस अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है ।
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 'हम न्यूज' के कार्यक्रम 'ब्रेकिंग प्वाइंट विद मलिक' पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, शेख राशिद ने कहा कि पाकिस्तान तालिबान नेताओं का "संरक्षक" है और उसने "लंबे समय तक उनकी देखभाल की है"। पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री ने आगे कहा कि “तालिबान को पाकिस्तान में आश्रय, शिक्षा और घर मिला है । हमने उनके लिए सब कुछ किया है ।"
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 28 अगस्त को कहा था कि इस्लामाबाद अफगानिस्तान को समर्थन देने के लिए रचनात्मक भूमिका निभाता रहेगा । उसके बाद आंतरिक मंत्री का ऐसा बयान आना इस बात की पुष्टि करता है कि पाकिस्तान ने तालिबान को पनाह दी है और आज वह अफगानिस्तान के लिए मुसीबत बन गया है । कुरैशी ने यह टिप्पणी तब की थी , जब कई देशों में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया था कि वह तालिबान का साथ दे रहा है ।
कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव (यूएनएसजी) एंटोनियो गुटेरेस के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान कहा, "विश्व समुदाय के लिए स्थिति को स्थिर करने और अफगान लोगों को आर्थिक रूप से मदद करने और मानवीय सहायता जारी रखने के लिए अफगानिस्तान के साथ जुड़े रहना आवश्यक है ।"
हालांकि अब इस स्थिति में भारत के लिए तालिबान और पाकिस्तान दोनों चिंता का बड़ा विषय है । भारत इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अध्यक्ष है । भारत ने एक मजबूत प्रस्ताव के तहत मांग किया है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकी देने या आतंकवादियों को आश्रय देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
इस बीच भारत और तालिबान के बीच कतर में एक बैठक भी हुई , जिसमें कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई के साथ चर्चा की । चर्चा का मुख्य विषय सुरक्षा और अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों की जल्द वापसी को लेकर थी ।
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि “चर्चा अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और शीघ्र वापसी पर केंद्रित थी । अफगान नागरिक विशेष रूप से अल्पसंख्यकों को भारत आने की अनुमति देने की भी बात की गई ।
तालिबान प्रतिनिधि के साथ बातचीत में, मित्तल ने भारत की चिंता जताई कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए । तालिबान नेता ने आश्वासन दिया कि भारत की चिंताओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा ।