बगदाद, 10 अक्टूबर (एपी) इराक में नागरिकों ने रविवार को संसदीय चुनाव के लिए मतदान किया, जबकि देश में कई युवा कार्यकताओं ने चुनाव का बहिष्कार किया जो दो वर्ष पहले देश में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की समाप्ति की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे थे।
चुनाव अगले साल होने वाला था, लेकिन विरोध- प्रदर्शनों के चलते यह तय समय से पहले हुआ। वर्ष 2019 के अंत में भ्रष्टाचार, खराब सेवा और बढ़ती बेरोजगारी के विरोध में हजारों की तादाद में लोग राजधानी बगदाद और दक्षिणी प्रांतों में सड़कों पर उतरे थे। कुछ महीनें के प्रदर्शन के दौरान 600 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग घायल हुए थे।
अधिकारियों ने हालांकि जल्द चुनाव कराने की बात की लेकिन प्रदर्शन के दौरान लोगों की मौत होने और दमनकारी कार्रवाई को लेकर उन युवा कार्यकर्ताओं ने चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया जिन्होंने इन प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था।
अपहरण और श्रृंखलाबद्ध हत्याओं में 35 से अधिक लोगों के मारे जाने के चलते कई लोग चुनाव में हिस्सा लेने से हतोत्साहित हुए।
22 वर्षीय कार डीलर आमिर फदेल ने बगदाद के कर्रदाह जिले में अपना मत डालने के बाद कहा, ‘‘मैंने वोट दिया क्योंकि बदलाव की जरूरत है। मैं नहीं चाहता कि वही पुराने चेहरे और वही पार्टियां वापस आएं।’’
इस बार के चुनाव में 329 सीटों पर कुल 3449 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इराक में 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में सद्दाम हुसैन को सत्ता से बेदखल करने के बाद छठी बार चुनाव हुए हैं।
देश भर में सुरक्षित मतदान के लिए 2,50,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनात की गई थी। सेना के जवानों, पुलिसकर्मियों और आतंकवाद रोधी बलों की मदद ली गई और उन्हें मतदान केंद्रों के बाहर तैनात किया गया।
इराक के राष्ट्रपति बरहम सालिह और प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने लोगों से मतदान करने का अनुरोध किया था।
2018 के चुनाव में महज 44 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
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