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भारतीय राजदूत ने अमेरिकी छात्रों से भारत आ कर पढ़ाई करने का किया आग्रह, सुंदर पिचई और सत्य नडेला का दिया उदाहरण

By भाषा | Updated: May 29, 2019 17:47 IST

श्रृंगला ने कहा कि भारत के उच्च शिक्षण संस्थान गुणवत्ता के मामले में वैश्विक बाजार के हिसाब से काम आने वाले कोर्स एवं डिग्री देते हैं लेकिन इसकी कीमत अन्य देशों की तुलना में महज एक चौथाई होती है। भारतीय शिक्षा तंत्र आकार में बड़ा होने के साथ ही अकादमिक पाठ्यक्रमों के लिहाज से भी विशाल है।

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ठळक मुद्देभारत ने पिछले पांच साल में वृहद आर्थिक स्थिरता का सर्वश्रेष्ठ चरण देखा है।राजदूत ने कहा कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी शिक्षा व्यवस्था है।

 ललित के झा

भारत ने पिछले पांच सालों में वृहद आर्थिक स्थिरता का सबसे बेहतर समय देखा है और इस साल के अंत तक वह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अमेरिका में भारत के शीर्ष राजनयिक ने ऐसा कहते हुए युवा अमेरिकी विद्यार्थियों से भारत आने और वहां पढ़ने की अपील की।

अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने 71वें वार्षिक सम्मेलन एवं अंतरराष्ट्रीय शिक्षक संघ एक्सपो में कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एक वैधानिक संगठन है जो विश्वविद्यालयी शिक्षा के मानदंडों के समन्वयन, दृढ़ता एवं निर्वहन के लिए स्थापित किया गया है।

उन्होंने कहा कि यूजीसी यहां तक कि अपनी वेबसाइट पर फर्जी शैक्षणिक संस्थानों की सूची भी डालता है ताकि छात्रों के साथ कोई फर्जीवाड़ा न हो। श्रृंगला ने मंगलवार को कहा, “आपको उत्कृष्ट गुणवत्ता की शिक्षा की गारंटी मिलती है क्योंकि हमारे पास मजबूत रैंकिंग/ प्रमाणन प्रणाली है जो आप भारतीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेते वक्त पढ़ सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “भारत में पढ़ने के अन्य फायदे देखें, आप सबसे तेजी से विकसित हो रही बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था का हिस्सा होंगे। भारत में कम समय या लंबे समय के लिए पढ़ने से विद्यार्थियों को सरकारी तंत्र, संस्कृति एवं बाजारों को करीब से समझने का मौका मिलेगा।” उन्होंने कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय छात्रों में भारत के बारे में समझ विकसित होगी जो कारोबार, सरकार और गैर लाभकारी क्षेत्र में उपयोगी साबित होगी।

उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले पांच साल में वृहद आर्थिक स्थिरता का सर्वश्रेष्ठ चरण देखा है। श्रृंगला ने कहा, ‘‘2013-14 में विश्व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बाद हम इस साल के अंत तक विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहे हैं।’’

राजदूत ने कहा कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी शिक्षा व्यवस्था है जहां 907 विश्वविद्यालय, 43,000 कॉलेज और तीन करोड़ छात्रों को प्रवेश देने की क्षमता है।

श्रृंगला ने कहा कि भारत के उच्च शिक्षण संस्थान गुणवत्ता के मामले में वैश्विक बाजार के हिसाब से काम आने वाले कोर्स एवं डिग्री देते हैं लेकिन इसकी कीमत अन्य देशों की तुलना में महज एक चौथाई होती है। भारतीय शिक्षा तंत्र आकार में बड़ा होने के साथ ही अकादमिक पाठ्यक्रमों के लिहाज से भी विशाल है।

श्रृंगला ने कहा कि भारतीय शिक्षा तंत्र की मजबूती इस तथ्य से समझी जा सकती है कि विश्व की प्रमुख कंपनियों का नेतृत्व भारतीय शिक्षा व्यवस्था से निकले छात्र कर रहे हैं। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला, गूगल इंक के सीईओ सुंदर पिचई और पेप्सिको की सीईओ इंदिरा नूई का उदाहरण दिया।

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