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स्कॉटलैंड के गुरुद्वारे में भारतीय दूत को नहीं मिला प्रवेश, भारत ने ब्रिटेन सरकार के समक्ष उठाया मुद्दा

By मनाली रस्तोगी | Updated: September 30, 2023 13:21 IST

भारत ने अपने उच्चायुक्त को कट्टरपंथी ब्रिटिश सिख कार्यकर्ताओं द्वारा स्कॉटिश गुरुद्वारे में रोके जाने का मुद्दा ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के समक्ष उठाया है।

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ठळक मुद्देजब कट्टरपंथी सिख कार्यकर्ताओं ने दोराईस्वामी को गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोका तो स्कॉटलैंड पुलिस को सूचित किया गया।गुरुद्वारे के आयोजकों ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि दूत सुरक्षित रहे।भारत ने इस मुद्दे को ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के समक्ष उठाया है।

नई दिल्ली: भारत ने ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार के समक्ष यह मामला उठाया है कि उसके उच्चायुक्त को कट्टरपंथी ब्रिटिश सिख कार्यकर्ताओं द्वारा स्कॉटलैंड के एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को कट्टरपंथी सिख कार्यकर्ताओं ने बताया कि उनका स्वागत नहीं है। 

यह घटना कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत और कनाडा के बीच बड़े राजनयिक विवाद के बीच हुई। जब कट्टरपंथी सिख कार्यकर्ताओं ने दोराईस्वामी को गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोका तो स्कॉटलैंड पुलिस को सूचित किया गया। गुरुद्वारे के आयोजकों ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि दूत सुरक्षित रहे। भारत ने इस मुद्दे को ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के समक्ष उठाया है।

घटना के बारे में जानकारी देते हुए एक खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ता ने कहा कि उनमें से कुछ को पता चला कि दोराईस्वामी ने अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारे की गुरुद्वारा समिति के साथ एक बैठक की योजना बनाई थी। उन्होंने दावा किया, "मुझे नहीं लगता कि जो कुछ हुआ उससे गुरुद्वारा समिति बहुत खुश है। लेकिन ब्रिटेन के किसी भी गुरुद्वारे में भारतीय अधिकारियों का स्वागत नहीं है।"

उन्होंने कहा, "हम यूके-भारत की मिलीभगत से तंग आ चुके हैं। हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से हालिया तनाव के कारण ब्रिटिश सिखों को निशाना बनाया जा रहा है। अवतार सिंह खंडा और जगतार सिंह जोहल के साथ भी ऐसा ही है।" 

इससे पहले जून में ब्रिटेन स्थित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के प्रमुख और खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह के मुख्य संचालक अवतार सिंह खांडा की बर्मिंघम के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। उसने इस साल मार्च से अप्रैल के बीच पंजाब में 37 दिनों तक अमृतपाल सिंह को पुलिस से बचने में मदद की थी। 

दूसरी ओर जगतार सिंह जोहल खालिस्तानी समर्थक आतंकवादी समूहों के साथ कथित संलिप्तता के आरोप में 2017 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि देश में किसी भी प्रकार की हिंसा या उग्रवाद स्वीकार्य नहीं है।

खालिस्तान मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर सुनक ने कहा, "मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि ब्रिटेन में किसी भी प्रकार का उग्रवाद या हिंसा स्वीकार्य नहीं है।" उन्होंने कहा कि यूके पीकेई (खालिस्तान समर्थक उग्रवाद) से निपटने के लिए भारत सरकार के साथ काम कर रहा है।

टॅग्स :ब्रिटेनभारतऋषि सुनककनाडा
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