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अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त कश्मीर मुद्दा सुलझाने के बेहद नजदीक थे भारत और पाकिस्तान: इमरान खान

By भाषा | Updated: July 24, 2019 01:01 IST

अमेरिका की तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर आये इमरान खान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से सोमवार को व्हाइट हाउस में मुलाकात की थी। यह दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने की पहली बातचीत थी।

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ठळक मुद्देइमरान खान ने दावा किया कि उनके शासनकाल में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अपनी दशकों पुरानी रणनीतिक पहुंच की नीति छोड़ दी।खान ने कहा कि पदभार संभालने के तुरंत बाद, उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष से सम्पर्क किया और उन्हें आश्वासन दिया कि यदि भारत एक कदम बढ़ाएगा तो वह दो कदम उठाएंगे।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान कश्मीर मुद्दे को चरणबद्ध तरीके से हल करने के ‘‘बहुत करीब’’ थे। खान ने अमेरिकी कांग्रेस द्वारा वित्तपोषित विचारमंच ‘यूएस इंस्टीट्यूट आफ पीस’ में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘वे वाजपेयी के समय कश्मीर के मुद्दे को चरणबद्ध तरीके से हल करने के काफी करीब आ गए थे।’’ उन्होंने हालांकि हल के बारे में कुछ भी विस्तार से बताने से परहेज किया और कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘विवाद का कारण’’ है। खान ने कहा कि पाकिस्तान की ‘‘सर्वोच्च प्राथमिकता भ्रष्टाचार को खत्म करना और मजबूत संस्थानों का निर्माण करने के अलावा, ‘‘हमारे पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे क्षेत्र में स्थिरता होनी चाहिए।’’ खान ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने सबसे पहले भारत से सम्पर्क बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक ऐसा देश है जिसके साथ हमारे संबंध ठीक नहीं रहे हैं। दुर्भाग्य से, एक मुद्दा कश्मीर के कारण। जब भी हमने कोशिश की, जब भी भारत के साथ संबंध सही दिशा में आगे बढ़ने शुरू हुए कोई घटना घट गई और यह सब कश्मीर से संबंधित है और हम वापस उसी जगह पर पहुंच गए।’’

खान ने कहा कि पदभार संभालने के तुरंत बाद, उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष से सम्पर्क किया और उन्हें आश्वासन दिया कि यदि भारत एक कदम बढ़ाएगा तो वह दो कदम उठाएंगे। मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद पर सवाल से बचते हुए खान ने कहा कि यह पाकिस्तान के हित में है कि ‘‘हम किसी भी सशस्त्र आतंकवादी समूह को अपने देश में काम नहीं करने दें।’’ उल्लेखनीय है कि हाफिज सईद को हाल ही में सातवीं बार गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान का नाम इसमें इसलिए आया कि क्योंकि एक समूह (जैश-ए-मोहम्मद) जो उनके देश और कश्मीर में आधारित है उसने हमले की जिम्मेदारी ली।

अमेरिका की तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर आये इमरान खान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से सोमवार को व्हाइट हाउस में मुलाकात की थी। यह दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने की पहली बातचीत थी। उन्होंने बैठक को बहुत सफल बताया जिससे द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने में मदद मिली। खान ने दावा किया कि उनके शासनकाल में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अपनी दशकों पुरानी रणनीतिक पहुंच की नीति छोड़ दी। उन्होंने कहा कि यह पूर्व में इस भय के चलते शुरू हुई कि अफगानिस्तान में भारतीय प्रभाव होने पर पाकिस्तान को दोनों ओर से खतरे का सामना करना होगा। खान ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि हमें अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यह अब बड़ा अंतर आया है। हमारी (निर्वाचित सरकार और सेना) की एक ही सोच है।’’

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