पाकिस्तान के इस इलाके में दाढ़ी कटवाने पर मार दी जाती है गोली, आतंकियों की गजब दहशत है यहां, जानिए पूरा मामला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 6, 2022 16:41 IST2022-02-06T16:29:47+5:302022-02-06T16:41:45+5:30

पाकिस्तान की कथित लोकतांत्रिक परंपराओं के विपरित खैबर पख्तूनख्वा का इलाका अब भी कबाइली नियमों से चलने के कारण प्रशासन के लिए बड़ा सरदर्द बना रहता है।

In this area of ​​Pakistan, the beard is shot, the terrorists are in great panic here, know the whole matter | पाकिस्तान के इस इलाके में दाढ़ी कटवाने पर मार दी जाती है गोली, आतंकियों की गजब दहशत है यहां, जानिए पूरा मामला

पाकिस्तान के इस इलाके में दाढ़ी कटवाने पर मार दी जाती है गोली, आतंकियों की गजब दहशत है यहां, जानिए पूरा मामला

Highlightsपाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा को तहरीक-ए-तालिबान का गढ़ माना जाता है खैबर पख्तूनख्वा को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बफर जोन की तरह माना जाता हैखैबर पख्तूनख्वा कई दशकों से तालिबानी आतंकियों का पसंदीदा ठिकाना बना हुआ है

पाकिस्तान:  तहरीक-ए-तालिबान के गढ़ खैबर पख्तूनख्वा में तालिबानी आतंकियों की दहशतगर्ती अपने चरम सीमा की ओर जा रही है। पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से तालिबानी आतंकी तेजी से पाक-आफगान सीमा स्थित खैबर कबायली जिले में तेजी से पैर फैला रहे हैं।

अफगानिस्तान में जम्हूरियत को बंदूकों के बल पर रौंदने वाले तालिबानी शासन को सबसे पहले मान्यता देने वाले पाकिस्तान पर अब उसी तालिबानी खौफ का साया तेजी से मंडरा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस्लाम के कथित शरिया कानून को बंदूक के बल लागू कराने वाली तालिबानी विचारधारा तेजी से खैबर पख्तून ख्वाह को अपने गिरफ्त में ले रही है।

लोकतांत्रिक परंपराओं के विपरित पाकिस्तान का यह इलाका अब भी कबाइली नियमों से चलने के कारण पाकिस्तानी प्रशासन के लिए बड़ा सरदर्द बना रहता है। इस इलाके में फैलने वाली दहशतगर्दी की खबरों के बारे में एक फ्रीलांस पत्रकार सलाउद्दीन सलरजाई ने अपने ट्वीट में बताया है, "खैबर कबायली जिले में अज्ञात बंदूकधारियों ने एक नाई की दुकान पर लोगों को दाढ़ी न काटने की धमकी देते हुए गोलियां चला दीं। इस इलाके में लोगों के द्वारा हजामत बनाना, कारों में संगीत सुनना और कई छोटी-छोटी चीजों पर प्रतिबंध लगाना आतंकवादियों का पहला कदम है, जिसके जरिये वो किसी क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करते हैं।"

लगभग पचास लाख की आबादी वाले खैबर पख्तूनख्वा में पख्तून कबायलियों की संख्या सबसे ज्यादा है। अंग्रेजी दौर में यहां के पठानों ने उनसे जबरदस्त लोहा लिया था। इस पूरे इलाके को एक तरह से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बफर जोन की तरह माना जाता है।

सस्ती बंदूकों और हथियारों के लिए पूरी दुनिया में कुख्यात इस इलाके में बड़े पैमाने पर अफीम की अवैध तस्करी भी होती है। 80 के दशक में जब अफगानिस्तान में हुए रूसी हमले के दौरान इस इलाके के लोगों ने सोवियत संघ के खिलाफ अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए का समर्थन किया था।

उसके बाद से ही यह इलाका तालिबान का पसंदीदा ठिकाना बना हुआ है और यही कारण है कि आतंकी संगठन अल-कायदा को खड़ा करने में इस इलाके के कबाइली नेताओं का अहम योगदान माना जाता है। 

Web Title: In this area of ​​Pakistan, the beard is shot, the terrorists are in great panic here, know the whole matter

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