इमरान खान ने 'इस्लामाबाद मार्च' को बताया आजादी का आंदोलन, कहा- "हुकूमत के खिलाफ उस दिन आवाम का सैलाब उमड़ेगा"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 26, 2022 07:47 PM2022-10-26T19:47:57+5:302022-10-26T19:52:03+5:30
इमरान खान ने आने वाली 28 अक्टूबर को शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ आयोजित होने वाले लाहौर से इस्लामाबाद मार्च को आजादी का मार्च बताया और कहा कि यह मुल्क के इतिहास में सबसे बड़ा आंदोलन होगा।
सियालकोट: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनके द्वारा आयोजित इस्लामाबाद रैली पर रोक लगाने से इनकार करने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि 'इस्लामाबाद मार्च' मुल्क की आजादी का मार्च है और यह मुल्क के इतिहास में सबसे बड़ा आंदोलन होगा।
इमरान खान ने सियालकोट में पार्टी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कहा, "मेरा दिल कह रहा है कि यह पाकिस्तान की तारीख में सबसे बड़ा आजादी का आंदोलन होगा। शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ हम अपना संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक कि मुल्क को चुनाव के जरिए नई सरकार बनाने का अधिकार नहीं हासिल हो जाता है"
इमरान खान की यह प्रतिक्रिया शहबाज शरीफ सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में उनके आंदोलन को रोके जाने वाली याचिका के खारिज होने के बाद दी। इससे पहले पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने सरकार के इस्लामाबाद मार्च को फौरन रोकने जाने के अनुरोध को यह करते हुए खारिज कर दिया कि सरकार को इस संबंध में पूर्व प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करनी चाहिए।
कोर्ट के इस आदेश के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि इमरान खान अब शहबाज सरकार की एक नहीं सुनने वाले हैं और पीटीआई द्वारा 28 अक्टूबर को निर्धारित किया गया 'इस्लामाबाद मार्च' लाहौर के लिबर्टी चौक से सुबह में शुरू होगा।
वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रूख करने के पहले सरकार ने इमरान खान को कई दफे चेतावनी जारी की। एक शीर्ष अधिकारी ने इस संबंध में कहा कि अगर इमरान खान 'इस्लामाबाद मार्च' पर अड़े रहेंगे तो सरकार बीते 25 मई की तरह इस बार भी उनके मार्च को फेल करने के लिए सरकार पूरी तैयारी के साथ सड़कों पर उतरेगी।
वहीं दूसरी ओर अगर पीटीआई 28 अक्टूबर की मार्च को जारी रखती है तो ऐसा दूसरी बार होगा जब इमरान खान पार्टी के भारी लाव-लश्कर के साथ लौहार से इस्लामाबाद में दाखिल होंगे। इससे पहले इमरान ने 25 मई को पीटीआई के मार्च का आयोजित किया गया था और इस्लामाबाद पहुंचने के बाद इमरान खान ने अचानक उस मार्च को रद्द कर दिया था।
सियालकोट में इमारन खान ने पार्टी समर्थकों से कहा, "पार्टी के पुराने और नए कार्यकर्ताओं को लामबंद करिए। यह जंग सत्ता या सियासत के लिए नहीं है, बल्कि यह तो उस विदेशी साजिश के खिलाफ है, जिसके कारण हम पर चोरों की सत्ता स्थापित हुई है।"
इसके साथ ही इमरान खान ने कहा कि उनके इस्माबाद मार्च का मुख्य एजेंडा मुल्क की सत्ता पर काबिज "डकैतों" को हराकर सही मायने में आजादी को हासिल करना है। उन्होंने कहा, "अगर चोरों का गिरोह हम पर शासन करता रहा तो मुल्क के लिए दी गई सारी कुर्बानी बेकार हो जाएगी। मैं शुक्रवार को लाहौर से इस्लामाबाद के लिए कूच करूंगा। यह मुल्क का सबसे बड़ा आजादी का आंदोलन होने वाला है।"
इमरान खान ने कहा कि जुल्म के खिलाफ उनका संघर्ष उस दिन तक जारी रहेगा जब तक कि मुल्क को अपने नुमाइंदे चुनने का हक नहीं मिल जाता है क्योंकि हर बार हमारे साथ ऐसा होता है कि हम पर अमेरिकी दासों को थोप दिया जाता है, जो अब बिल्कुल नहीं चलेगा।"
अपनी बात को खत्म करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने शहबाज शरीफ सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वो तैयार रहें, 28 अक्टूबर को मुल्क की राजधानी में लोगों के सैलाब का इस्तकबाल करने के लिए। साथ ही इमरान खान ने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वह उन लोगों को जवाबदेह ठहराएंगे और कानूनी कार्रवाई करें, जिन्होंने पीटीआई नेता और पूर्व गृह मंत्री आजम स्वाति के साथ 'दुर्व्यवहार' किया है।