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दुनियाभर में आफत?, हांगकांग में आग, 128 मरे, थाईलैंड में बाढ़ से 145 की मौत और श्रीलंका में बाढ़-भूस्खलन से 56 की मौत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 28, 2025 17:01 IST

हांगकांग अग्निशमन विभाग के उपनिदेशक डेरेक आर्मस्ट्रांग चान ने बताया कि शुक्रवार को इमारतों से और शव बरामद किये गए जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 128 हो गई है।

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ठळक मुद्दे बुधवार को 'वांग फुक कोर्ट कॉम्प्लेक्स' की आठ इमारतों में से एक में भीषण आग लग गई।इमारतों में पीड़ितों की तलाश शुक्रवार तक पूरी हो सकती है जिसके बाद इस बचाव अभियान को समाप्त कर दिया जाएगा।अभियंता सलाहकार सहित कुल तीन व्यक्तियों को गैर-इरादतन हत्या के संदेह में गिरफ्तार किया गया है।

हांगकांगः हांगकांग में एक बहुमंजिला आवासीय इमारत में भीषण आग लगने के बाद दमकलकर्मियों द्वारा अब भी इमारत में लोगों की तलाश की जा रही है। परिसर की आठ में से सात इमारतें पूरी तरह से भीषण आग की चपेट में आ गईं जिसके चलते कम से कम 128 लोगों की मौत हो गई। हांगकांग अग्निशमन विभाग के उपनिदेशक डेरेक आर्मस्ट्रांग चान ने बताया कि शुक्रवार को इमारतों से और शव बरामद किये गए जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 128 हो गई है। पीड़ितों की तलाश अब भी जारी है। जानकारी के अनुसार, बुधवार को 'वांग फुक कोर्ट कॉम्प्लेक्स' की आठ इमारतों में से एक में भीषण आग लग गई।

आग की लपटें तेजी से फैलीं और सात इमारतें इसकी चपेट में आ गईं। अधिकारियों ने कहा कि इमारतों में पीड़ितों की तलाश शुक्रवार तक पूरी हो सकती है जिसके बाद इस बचाव अभियान को समाप्त कर दिया जाएगा। चान ने कहा खोज और बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही लापता लोगों की वास्तविक संख्या का पता लगाया जा सकता है। पुलिस ने बताया कि एक निर्माण कंपनी के निदेशक और एक अभियंता सलाहकार सहित कुल तीन व्यक्तियों को गैर-इरादतन हत्या के संदेह में गिरफ्तार किया गया है।

थाईलैंड में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 145 तक पहुंची

दक्षिणी थाईलैंड में बाढ़ से मरने वालों की संख्या कम से कम 145 तक पहुंच गई है और पानी का स्तर घटने से पूरे क्षेत्र में तबाही साफ नजर आ रही है। यह जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी। आपदा निवारण और न्यूनीकरण विभाग ने शुक्रवार को बताया कि 12 दक्षिणी प्रांतों में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से 12 लाख से ज्यादा परिवार और 36 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

सरकारी प्रवक्ता सिरीपोंग अंगकासाकुलकियात ने बैंकाक में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बाढ़ से आठ प्रांतों में 145 लोगों की मौत हो गई है। सोंगखला प्रांत में कम से कम 110 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी कम होने के साथ ही तलाशी और बचाव अभियान में सफलता मिल रही है।

सोंगखला प्रांत में पानी का स्तर कम होने के बाद मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई। समाचारों के अनुसार राहतकर्मी उन आवासीय इलाकों तक पहुंचने में सफल रहे जो पहले पानी में डूबे हुए थे। अब वहां से बड़ी संख्या में लोगों के शव निकाले गए हैं। इनमें दक्षिण का सबसे बड़ा शहर हात याई प्रमुख है।

आपदा विभाग ने शुक्रवार सुबह बताया कि अधिकांश प्रभावित क्षेत्रों में पानी का स्तर कम हो गया है, हालांकि कुछ स्थानों पर जलस्तर अब भी ऊंचा बना हुआ है। मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि दक्षिण में बारिश कम हो गई है, लेकिन कुछ इलाकों में गरज के साथ बारिश होने की चेतावनी दी गई है।

बाढ़ के कारण भारी अव्यवस्था पैदा हो गई, हजारों लोग फंसे रहे, सड़कों पर आवागमन रुक गया और निचले इलाकों में इमारतें तथा वाहन पानी में डूब गए। शुक्रवार को प्रभावित क्षेत्रों से आए वीडियो और तस्वीरों में क्षतिग्रस्त सड़कें, गिरे हुए बिजली के खंभे, घरेलू उपकरण और बाढ़ के पानी में बहकर आए मलबे को सड़कों के किनारे जमा देखा गया।

श्रीलंका में बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 56 हुई

श्रीलंका में बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 56 हो गयी है, जिसके बाद शुक्रवार को सरकारी कार्यालय और स्कूल बंद कर दिए गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक श्रीलंका पिछले सप्ताह से ही खराब मौसम की समस्या से जूझ रहा है और बृहस्पतिवार को भारी बारिश के कारण स्थिति और खराब हो गई, जिससे घरों, खेतों तथा सड़कों पर पानी भर गया एवं देश भर में भूस्खलन की कई घटनाएं हुईं। देश के मध्यपर्वतीय चाय उत्पादक क्षेत्रों बादुल्ला और नुवारा एलिया में बृहस्पतिवार को भूस्खलन से 25 से अधिक लोगों की मौत हो गयी।

यह इलाका राजधानी कोलंबो से करीब 300 किलोमीटर दूर है। सरकार के आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, बादुल्ला और नुवारा एलिया क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 21 लोग लापता हैं तथा 14 घायल हो गए हैं। मौसम की स्थिति खराब होने के कारण सरकार ने शुक्रवार को सभी सरकारी कार्यालयों और स्कूलों को बंद करने की घोषणा की।

भारी बारिश के कारण अधिकांश जलाशय और नदियां उफान पर हैं, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। इस बीच, कोलंबो में खराब मौसम के कारण शुक्रवार को पश्चिम एशिया की तरफ तीन और मलेशिया से आ रही एक उड़ान के मार्ग परिवर्तित कर उन्हें केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतारा गया। तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (टीआईएएल) ने यह जानकारी दी।

श्रीलंका में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद बचाव और राहत अभियानों में भारत के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को तैनात किया जाएगा। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। श्रीलंकाई नौसेना ने बताया कि यह स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू’ 2025 की तैयारियों के तहत 25-26 नवंबर को कोलंबो में तैनात किया गया था।

रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि श्रीलंका के पूर्वी त्रिंकोमाली क्षेत्र में आए चक्रवाती तूफान 'डिटवा' के कारण गंभीर मौसम के बीच जारी राहत कार्यों के लिए आईएनएस विक्रांत के विमानों के उपयोग हेतु औपचारिक अनुरोध किया गया था। आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) ने बताया कि पिछले 72 घंटों में 46 मौत के मामले दर्ज किए गए हैं।

आपात स्थिति को देखते हुए, सरकार ने शुक्रवार को आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि अत्यधिक खराब मौसम से 12,313 परिवारों के 43,991 लोग प्रभावित हुए हैं। सिंचाई विभाग ने कोलंबो के निचले उत्तरी हिस्सों में केलानी नदी के पास रहने वाले निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी देते हुए कहा कि इस क्षेत्र को द्वीप राष्ट्र के इतिहास में सबसे खराब बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है। सिंचाई विभाग के महानिदेशक अजीत गुणासेकरा ने कहा, "इस स्थिति के बदलने की कोई संभावना नहीं है।

हमें आशंका है कि केलानी नदी का जल स्तर 2016 की बाढ़ के रिकॉर्ड को भी पार कर जाएगा।" प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को चक्रवात प्रभावित श्रीलंका के लिए राहत सामग्री भिजवाने की घोषणा की और जनहानि पर शोक व्यक्त किया। मोदी ने कहा कि भारत हालात को देखते हुए अधिक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "श्रीलंका के उन लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है जिन्होंने चक्रवात 'डिटवा' के कारण अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं सभी प्रभावित परिवारों की सुरक्षा, सांत्वना और शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।" उन्होंने कहा, "अपने निकटतम समुद्री पड़ोसी के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए भारत ने 'ऑपरेशन सागर बंधु' के तहत तत्काल राहत सामग्री तथा मानवीय सहायता व आपदा राहत (एचएडीआर) भेजी है। हम हालात को देखते हुए और अधिक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं।"

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