H-1B VISA: ट्रंप प्रशासन का एक और कहर, उड़ गई अमेरिका में रहने वाले 3 लाख से ज्यादा भारतीयों की नींद

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 1, 2018 19:23 IST2018-12-01T19:23:04+5:302018-12-01T19:23:04+5:30

अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) की एच-1बी पेटिशन्स बाई जेंडर ऐंड कंट्री ऑफ बर्थ फिस्कल इयर 2018 रिपोर्ट के मुताबिक, 5 अक्तूबर तक अमेरिका में एच-1बी वीजा रखने वालों की संख्या 4,19,637 थी. इनमें से 3,09,986 भारतीय मूल के नागरिक हैं.

H-1B VISA: Another tragedy of the Trump administration, more than 3 lakh Indians in tension | H-1B VISA: ट्रंप प्रशासन का एक और कहर, उड़ गई अमेरिका में रहने वाले 3 लाख से ज्यादा भारतीयों की नींद

H-1B VISA: ट्रंप प्रशासन का एक और कहर, उड़ गई अमेरिका में रहने वाले 3 लाख से ज्यादा भारतीयों की नींद

ट्रम्प प्रशासन ने एच-1 बी वीजा की आवेदन प्रक्रि या में बड़े बदलावों का प्रस्ताव दिया है. प्रस्तावों को मंजूरी मिली तो अमेरिकी कंपनियों के लिए एच-1बी वीजा और कठिन हो जाएगा. प्रस्तावित नए नियमों के मुताबिक कंपनियों को अब अग्रिम में अपने आवेदन का ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा.

इसका उद्देश्य अमेरिका के इस लोकिप्रय वीजा को सिर्फ सबसे ज्यादा कुशल और सबसे ज्यादा वेतन वाले विदेशी कर्मचारियों को देना है. बता दें कि भारतीय आईटी कंपनियों और प्रफेशनल्स के बीच एच-1 बी वीजा काफी लोकिप्रय है. जाहिर है, एच-1 बी वीजा प्रक्रि या में प्रस्तावित बदलावों से सबसे ज्यादा प्रभावित भारतीय पेशेवर ही होंगे.

अमेरिकी संसद ने एक साल में एच-1बी वीजा की अधिकतम सीमा को तय कर रखा है. उसके मुताबिक एक वित्त वर्ष में अधिकतम 65,000 एच-1बी वीजा जारी हो सकते हैं. हालांकि, अमेरिका से ही मास्टर डिग्री लेने वाले या उच्च शिक्षा हासिल करने वाले विदेशियों के लिए अलग से सालाना 20,000 एच-1बी वीजा जारी किए जाते हैं, जो 65 हजार की उच्च सीमा के अतिरिक्त है.

नए नियमों के मुताबिक यूएस सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सिर्वसेज के पास यह अधिकार सुरिक्षत होगा कि वह अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त आवेदक को 65,000 वीजा लिमिट से छूट दे या नहीं. नए प्रस्तावित नियमों के बारे में शुक्रवार को नोटिस जारी किया गया. इसके मुताबिक विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति करने वाली कंपनियों को पहले ही बताना होगा कि अमुक अवधि में वह कितने वीजा के लिए आवेदन करेगी.

एच-1बी वीजा अमेरिका में कार्यरत कंपनियों को विदेशी वर्करों को नौकरी देने की इजाजत देता है. अमेरिका में टेक कंपनियां हर साल इसी वीजा के जरिए भारत और चीन जैसे देशों के हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं. एच1बी वीजा प्रोग्राम 1990 में शुरू किया गया था. इसके तहत अमेरिकी कंपनियां इंजिनियरिंग और आईटी जैसे कुछ खास प्रफेशन में स्टाफ की कमी को पूरा करती हैं.

भारतीय पेशेवरों के बीच एच-1बी वीजा कितना लोकिप्रय है, इसका अंदाजा इसी से लगता है कि यह वीजा रखने वाले हर 4 में से 3 व्यक्ति भारतीय नागरिक हैं. अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) की एच-1बी पेटिशन्स बाई जेंडर ऐंड कंट्री ऑफ बर्थ फिस्कल इयर 2018 रिपोर्ट के मुताबिक, 5 अक्तूबर तक अमेरिका में एच-1बी वीजा रखने वालों की संख्या 4,19,637 थी. इनमें से 3,09,986 भारतीय मूल के नागरिक हैं.

Web Title: H-1B VISA: Another tragedy of the Trump administration, more than 3 lakh Indians in tension

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे