लाइव न्यूज़ :

अफगानिस्तान से भारतीय राजनयिक, दूतावास कर्मियों को निकालना 'कठिन व जटिल' अभियान रहा: जयशंकर

By भाषा | Updated: August 17, 2021 20:18 IST

Open in App

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से भारतीय राजदूत और दूतावास कर्मियों को निकालकर भारत लाने का अभियान ''कठिन व जटिल'' रहा। साथ ही उन्होंने इस प्रयास में सहयोग करने वालों का आभार भी जताया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए चार दिवसीय दौर पर अमेरिका पहुंचे जयशंकर ने अफगानिस्तान से भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन और दूतावास कर्मियों को वापस लाने के लिए नयी दिल्ली द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में ट्विटर पर विस्तृत जानकारी साझा की। विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा, '' भारतीय राजदूत और दूतावास कर्मियों का काबुल से भारत आना एक कठिन और जटिल अभियान था। उन सभी लोगों का धन्यवाद जिनके सहयोग से यह संभव हो पाया।'' काबुल में भारतीय राजदूत एवं दूतावास के कर्मियों समेत करीब 150 लोगों को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विमान मंगलवार को अफगानिस्तान से गुजरात के जामनगर पहुंचा था। सी-19 विमान पूर्वाह्न 11 बजकर 15 मिनट पर जामनगर में वायुसेना अड्डे पर उतरा था और फिर वहां से ईंधन भराने के बाद शाम करीब पांच बजे दिल्ली के समीप स्थित हिंडन एयरबेस पहुंचा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

टेकमेनियाक्या है क्लाउडफ्लेयर में रुकावट की वजह? जानिए एक्स, चैटजीपीटी और दूसरी लोकप्रिय वेबसाइटें क्यों हुईं डाउन?

टेकमेनियाX Down: एलन मस्क का एक्स उपयोगकर्ताओं के लिए हुआ डाउन, यूजर हुए परेशान

भारतRed Fort Blast: दिल्ली ब्लास्ट के घायलों से मिले पीएम मोदी, LNJP अस्पताल पहुंचे, देखें तस्वीरें

भारतDelhi Blast: हमारा पड़ोसी हार चुका है और पिट चुका, पूर्व IPS अधिकारी किरण बेदी...

ज़रा हटकेVIDEO: पान वाला 1 लाख रूपए के सिक्के लेकर पहुंचा ज्वैलरी शॉप, पत्नी को सरप्राइज देना चाहता था, देखें वायरल वीडियो

विश्व अधिक खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका