मणिपुर में हिंसा को लेकर यूरोपीय संसद चिंतित, 'तत्काल चर्चा' के लिए प्रस्ताव जारी किया गया

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 12, 2023 05:36 PM2023-07-12T17:36:03+5:302023-07-12T17:37:22+5:30

3 मई, 2023 को मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प के बाद मणिपुर में स्थिति हिंसक हो गई थी। मणिपुर में हिंसा और केंद्र सरकार की ओर से देर से की गई कार्रवाई को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और देशों ने अपनी चिंताएं जतानी शुरू कर दी हैं।

European Parliament will be holding an urgent debate regarding violence in Manipur | मणिपुर में हिंसा को लेकर यूरोपीय संसद चिंतित, 'तत्काल चर्चा' के लिए प्रस्ताव जारी किया गया

3 मई, 2023 को मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प के बाद मणिपुर में स्थिति हिंसक हो गई थी

Highlightsमणिपुर राज्य में जातीय हिंसा के संबंध में यूरोपीय संसद में चर्चा होगीसंसद ने एक चर्चा के लिए एक प्रस्ताव जारी किया हैमणिपुर में हिंसा को लेकर कई देशों ने अपनी चिंताएं जतानी शुरू कर दी हैं

नई दिल्ली: यूरोपीय संसद 12 जुलाई, बुधवार को मणिपुर राज्य में जातीय हिंसा के संबंध में "तत्काल बहस" आयोजित करेगी। संसद ने एक चर्चा के लिए एक प्रस्ताव जारी किया है जिसके दौरान "लोकतंत्र और मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले- मणिपुर में कानून का शासन" पर चर्चा की जाएगी।

3 मई, 2023 को मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प के बाद मणिपुर में स्थिति हिंसक हो गई थी। मणिपुर में हिंसा के परिणामस्वरूप 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और लगभग 40,000 लोग विस्थापित हो गए हैं। मणिपुर के कई इलाकों में अभी स्थिति सामान्य नहीं हुई है। छोटी-मोटी हिंसक घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।

मणिपुर में हिंसा और केंद्र सरकार की ओर से देर से की गई कार्रवाई को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और देशों ने अपनी चिंताएं जतानी शुरू कर दी हैं। यूरोपीय संसद ने अपने प्रस्ताव में मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर लगे आरोपों को लेकर भी चिंता जताई है।

बता दें कि इससे पहले अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा था कि मणिपुर में स्थिति से निपटने के लिए यदि कहा गया तो संयुक्त राज्य अमेरिका भारत की सहायता करने के लिए तैयार है। अमेरिकी राजदूत ने कहा था कि अमेरिका के लिए मणिपुर हिंसा एक मानवीय चिंता का विषय है।

 फिलहाल राज्य के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।  मैतेई समुदाय द्वारा की जा रही अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई थी जो अब तक थमने का नाम नहीं ले रही है। सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए स्थिति पर काबू पाना कठिन हो गया है। 

मैतेई मणिपुर में बहुसंख्यक हैं और जब हाल ही में मणिपुर उच्च न्यायालय ने मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने का आदेश दिया तबसे इसी श्रेणी के नगा-कुकी भयभीत हैं कि अब उनके अधिकारों में कटौती हो जाएगी। इस अदालती आदेश ने आग में घी डालने का काम किया।

Web Title: European Parliament will be holding an urgent debate regarding violence in Manipur

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