न्यूयॉर्कः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवादी कृत्यों द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित किया। भारत, आतंकवाद से संबंधित चुनौतियों और क्षति से अत्याधिक प्रभावित रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया को आतंकवाद की बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। आइए हम हमेशा याद रखें कि कोविड के बारे में जो सच है वह आतंकवाद के बारे में और भी सच है। हम में से कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है जब तक कि हम सभी सुरक्षित नहीं हैं।
काबुल पर तालिबान के नियंत्रण के साथ ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में बदलते घटनाक्रम पर ‘‘काफी सावधानीपूर्वक’’ नजर रख रहा है और नयी दिल्ली का ध्यान युद्धग्रस्त राष्ट्र से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर है।
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शांति रक्षा पर खुली चर्चा की अध्यक्षता करने के बाद कहा, ‘‘वह (अफगानिस्तान की स्थिति) यहां मेरी वार्ताओं के केंद्र में है, संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अन्य सहयोगियों के साथ ही अमेरिका के विदेश मंत्री से भी इस पर चर्चा कर रहा हूं।’’
भारत अगस्त महीने के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस वक्त हम दूसरों की तरह ही अफगानिस्तान में बदलते घटनाक्रम पर सावधानीपूर्वक नजर बनाए हुए हैं। हमारा ध्यान अफगानिस्तान में सुरक्षा सुनिश्चित करने और वहां मौजूद भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर है।’’