ईरान परमाणु समझौते को लेकर दुनिया के पांच शक्तिशाली देशों के राजनयिकों की वियना में हुई बैठक

By भाषा | Published: June 20, 2021 08:21 PM2021-06-20T20:21:57+5:302021-06-20T20:21:57+5:30

Diplomats of five powerful countries of the world met in Vienna regarding the Iran nuclear deal | ईरान परमाणु समझौते को लेकर दुनिया के पांच शक्तिशाली देशों के राजनयिकों की वियना में हुई बैठक

ईरान परमाणु समझौते को लेकर दुनिया के पांच शक्तिशाली देशों के राजनयिकों की वियना में हुई बैठक

वियना, 20 जून (एपी) ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित करने के उद्देश्य से 2015 में किए गए ऐतिहासिक परमाणु समझौते को दोबारा लागू करवाने को लेकर रविवार को ईरान और दुनिया के पांच शक्तिशाली देशों के राजनयिकों के बीच बातचीत हुई।

ईरान के कट‍्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रईसी की राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद रविवार को इस तरह की यह पहली आधिकारिक मुलाकात थी। बैठक में शामिल कई राजनयिकों ने कहा कि उन्होंने जिन मुद्दों पर बातचीत की है, उन्हें संबंधित देशों की सरकारों द्वारा मंजूरी मिलना जरूरी है। बैठक में इस बात को लेकर भी चिंता जताई गयी कि ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति परमाणु समझौते को दोबारा लागू करवाने में अड़चन पैदा कर सकते हैं।

चीन, जर्मनी, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन के वरिष्ठ राजनयिकों ने ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना के एक होटल में छठे दौर की बातचीत के तहत अंतिम बैठक की। इस बातचीत के लिए रूस के शीर्ष प्रतिनिधि मिखाइल उल्यानोव ने शनिवार को एक ट्वीट में लिखा कि संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के सदस्य वियना में होने वाली वार्ता में आगे की योजना पर फैसला करेंगे। हालांकि ईरान परमाणु समझौते को दोबारा लागू करने के लिए योजना करीब-करीब तैयार कर ली गयी है, लेकिन इसको लेकर अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

ईरान के उप विदेश मंत्री सैयद अब्बास अरागची ने रविवार को कहा कि जेसीपीओए समझौते के लगभग सभी दस्तावेजों को लेकर बेहतर बातचीत हुई और इसमें शामिल राजनयिक शीघ्र ही अपने गृह देशों की ओर लौट आएंगे। राजनयिक अब अपने-अपने देशों की सरकारों से न सिर्फ सलाह-मशविरा करेंगे बल्कि अंतिम फैसले के लिये भी चर्चा करेंगे।

ईरान की अर्ध सरकारी संवाद समिति मेहर के मुताबिक, अरागची ने कहा, “ अब हम ऐसी स्थिति में हैं कि हमें लगता है कि समझौते के दस्तावेज लगभग तैयार कर लिए गए हैं। कुछ मुद्दों पर विवाद बना हुआ है जबकि कुछ मुद्दे सुलझा लिए गए हैं।”

वियना में होने वाली वार्ता में अमेरिका शामिल नहीं हुआ, क्योंकि 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर करने और ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन ने हालांकि कुछ शर्तों के साथ परमाणु समझौते में दोबारा शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। वियना में अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल अन्य देशों के राजनयिकों के जरिए ईरान के साथ अप्रत्यक्ष रूप से बातचीत में शामिल हो रहा है।

ईरान के कट‍्टर न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रईसी की राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद रविवार को हुई इस तरह की यह पहली मुलाकात थी। ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के कारण वियना में हुई बैठक को अधिक तवज्जो नहीं दी गयी। रईसी के सत्ता में आने से ईरान में कट्टरपंथियों का वर्चस्व बढ़ जाएगा क्योंकि उन्हें देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खामनेई का काफी नजदीकी माना जाता है। रईसी ईरान के पहले ऐसे राष्ट्रपति होंगे जिन पर अमेरिका 1988 में बड़े पैमाने पर लोगों को फांसी देने के कार्य में शामिल होने का आरोप लगाकर प्रतिबंध लगा चुका है। ईरान तेजी से यूरेनियम संवर्धन के कार्य में जुटा हुआ है, हालांकि हथियार बनाने से वह अभी दूर है।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक की हत्या के बाद इजराइल और अमेरिका के साथ उसके संबंध बेहद तनावपूर्ण बने हुए हें।

इजराइल के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने परमाणु समझौते में शामिल देशों को रविवार को आगाह करते हुए कहा कि रईसी का ईरान का नया राष्ट्रपति चुना जाना अंतिम अवसर है जब वैश्विक शक्तियां संभल जाएं और इस बात पर गौर करें कि वे किसके साथ बातचीत कर रहे हैं।

बेनेट ने ईरान के नेताओं की निंदा करते हुए कहा, “ ये लोग हत्यारें हैं। इन्होंने सामूहिक तौर पर लोगों की हत्याएं की हैं। इन लोगों के पास ऐसे हथियार नहीं आने चाहिए, जिससे कि यह लाखों लोगों की हत्याएं कर सकें।”

दरअसल, इजराइल लंबे समय से यह कहता आया है कि वो अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी ईरान के परमाणु कार्यक्रम का विरोध करता है और उसे परमाणु हथियार बनाने नहीं देगा।

इस बीच, यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रईसी के ईरान के नये राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने से वियना में हुई बातचीत प्रभावित नहीं होगी।

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