बेल्जियम में कोविड-19 पाबंदियों से भड़के लोग, राजधानी ब्रसेल्स में भारी हिंसा; सरकारी कदम को बताया तानाशाही
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 6, 2021 14:36 IST2021-12-06T14:19:37+5:302021-12-06T14:36:32+5:30
ब्रसेल्स में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से सरकार ने कई नए नियम बनाए हैं, जो लोगों को पसंद नहीं आ रहे हैं। ऐसे में लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया और हिंसा पर उतर आए। लोगों का आरोप है कि सरकार तानाशाही कर रही है।

बेल्जियम में कोविड-19 पाबंदियों से भड़के लोग, राजधानी ब्रसेल्स में भारी हिंसा; सरकारी कदम को बताया तानाशाही
ब्रसेल्स: बेल्जियम में कोरोना के बढ़ते मामलों को देख वहां की सरकार ने नई पाबंदियां लगाई हैं। ये पाबंदियां वहां के लोगों को रास नहीं आ रही हैं। ऐसे में रविवार को बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में कोरोना की पाबंदियों के खिलाफ लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान शांति से चल रहा विरोध प्रदर्शन अचानक हिंसा में बदल गया। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए यूरोप के कई देश फिर से अपने यहां पाबंदियां लगाने पर विचार कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल ब्रसेल्स के लोग सरकार की नई पाबंदियों से काफी नाराज हैं और इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। राजधानी के पास स्ठित यूरोपीय संघ के हेडक्वार्टर तक जब वे मार्च कर रहे थे, तभी प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोगों ने आजादी के नारे लगाने शुरू कर दिया। साथ ही वहां मौजूद पुलिस पर पत्थर और पटाखे फेंके। इतना ही नहीं काले रंग के कपड़े पहने प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ भी की।
पुलिस ने ऐसे किया विरोध प्रदर्शन को काबू
प्रदर्शनकारियों के विरोध प्रदर्शन और हिंसा को देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। बेकाबू भीड़ को तितर-वितर करने के लिए पानी की बौछारें भी की गईं। पिछले अक्टूबर में लगाए गए नए नियमों में लोगों को बार और रेस्तरां में जाने के लिए कोविड-19 पास दिखाने पड़ते हैं।
प्रदर्शनकारियों का क्या कहना है
विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार उन पर जबरदस्ती नए कानून थोप रही है। वे लोग बार और रेस्तरां में जाने के लिए COVID-19 पास को दिखाए जाने के कानून को तानाशाही करार दे रहे है। इन प्रदर्शनों में आम लोगों के साथ व्यापारी भी शामिल रहे।
क्या है यूरोप में कोरोना के हालात
पूरे विश्व में कोरोना के नए मामले फिर से सामने आ रहे हैं। ऐसे में यूरोप में भी कोरोना के तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। हालात को देखते हुए यूरोप के कई देशों ने अपने यहां के प्राथमिक स्कूलों में मॅास्क पहनना जरूरी कर दिया है। यही नहीं सरकार ने सर्दियों की छुट्टियों को भी बढ़ा दिया है।