चीन ने कोरोना वायरस प्रभावित वुहान शहर में चिकित्सा आपूर्ति पहुंचाने और वहां से बचे हुए भारतीयों को निकालने के लिए भारत के एक विशेष विमान को अनुमति देने में देरी कर रहा है। चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण से कहर बरपा हुआ है। इस विषाणु से मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,200 से भी अधिक हो गई है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि चीन के वुहान से बाकी बचे भारतीयों को वापिस लाने वाली फ्लाइट को चीन की सरकार द्वारा अनुमति देना अभी तक बाकी है। शुक्रवार को फ्लाइट के रवाना होने की उम्मीद थी, तब भी चीन की तरफ से ये ही कहा गया कि कोई देरी नहीं है, बिना किसी स्पष्ट कारण के अनुमति नहीं दी गई।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पड़ोसी मुल्क जानबूझकर मंजूरी देने में देरी कर रहा है। चीन ने राहत सामग्री लेकर जाने वाले विमान को अभी मंजूरी नहीं दी, जो वुहान से और भारतीयों को वापस भी लाएगा। चीन कह रहा है कि कोई देरी नहीं है लेकिन बिना कोई स्पष्ट कारण बताए मंजूरी नहीं दी गई। बता दें कि भारत ने 17 फरवरी को घोषणा की थी कि वह वायु सेना के सबसे बड़े विमान सी-17 ग्लोबमास्टर को चिकित्सा आपूर्तियों के साथ वुहान भेजेगा जहां कोरोना वायरस का प्रकोप फैला हुआ है। भारतीय विमान वहां अब भी फंसे हुए अपने नागरिकों और सभी पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी वापस लाएगा। वुहान जाने वाले विशेष विमान को चीन से अनुमति मिलने का इंतजार है।
भारत ने इस महीने की शुरूआत में एयर इंडिया के दो विशेष विमान वुहान भेजकर 647 भारतीयों और मालदीव के सात नागरिकों को निकाला था। तीसरे भारतीय विमान को अनुमति मिलने में देरी के सवाल पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था कि चीन ने पहले भी वुहान शहर और हुबेई प्रांत से बड़ी संख्या में भारतीयों को निकालने में मदद की है।
उन्होंने कहा था कि दोनों पक्षों के सक्षम विभाग बाकी बचे 80 भारतीयों के लिए बंदोबस्त करने पर अब भी संवाद कर रहे हैं। ऐसी कोई बात नहीं है कि चीन विमान को अनुमति देने में देरी कर रहा है। चीन की सरकार चीन में सभी विदेशी नागरिकों के जीवन और सेहत को अत्यंत महत्व देती है। चीन के एक अधिकारी ने गुरूवार को कहा था कि चीन में 29 विदेशी नागरिक नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और इनमें से 18 की सेहत में सुधार हुआ है।