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परमाणु युद्ध हुआ तो दुनिया में सिर्फ दो देशों में ही जीवन बचेगा, लगभग 5 अरब लोग मारे जाएंगे, होंगे ये भयावह प्रभाव, शोध में आया सामने

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 18, 2024 12:40 IST

परमाणु युद्ध का परिणाम घातक होगा, और इससे कृषि विफल हो सकती है। ओजोन परत इतनी क्षतिग्रस्त और नष्ट हो जाएगी कि आप सूरज की रोशनी में बाहर नहीं रह पाएंगे। लोग भूमिगत रहने के लिए मजबूर हो जाएंगे। केवल कुछ ही स्थान हैं जहां कृषि संभव होगी और वे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हैं।

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ठळक मुद्देपरमाणु हथियारों के विस्फोट से लक्षित क्षेत्रों में विनाश होगापरमाणु युद्ध के पहले 72 घंटों के भीतर, लगभग 5 अरब लोग मारे जाएंगे बचे लोगों के लिए भोजन उगाना असंभव हो जाएगा

Consequences of nuclear war: परमाणु हथियारों का प्रयोग अगर किसी युद्ध में बड़े पैमाने पर किया गया तो क्या होगा? यह सोचकर ही रोंगटे खड़े हो सकते हैं। परमाणु हथियारों के विस्फोट से लक्षित क्षेत्रों में विनाश होगा। शहर नष्ट हो जायेंगे और लाखों लोग विस्फोट और उसके बाद लगी आग से तुरंत मर जायेंगे। प्रारंभिक विस्फोट से बचे लोगों को तीव्र विकिरण बीमारी का सामना करना पड़ेगा, जो घातक हो सकती है। लंबे समय तक संपर्क में रहने से कैंसर और आनुवंशिक उत्परिवर्तन का खतरा बढ़ जाएगा। अस्पतालों, परिवहन, संचार प्रणालियों और अन्य महत्वपूर्ण सुविधाओं सहित बुनियादी ढांचे का विनाश हो जाएगा। ये सिर्फ कयास हैं जो लगाए जा सकते हैं। 

वर्तमान समय में संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, इजरायल और चीन जैसे देशों के पास परमाणु हथियार हैं। यानी परमाणु हमले का खतरा लगातार बना हुआ है। र्तमान वैश्विक परिदृश्य में लगभग हर दिन देशों के बीच बमबारी और गोलीबारी की खबरें आती रहती हैं। इसके बीच, परमाणु युद्ध का डर होना और आश्चर्य होना स्वाभाविक है। 

ऐसे में अमेरिका की एनी जैकबसेन नाम की एक खोजी पत्रकार ने परमाणु युद्ध के प्रभाव पर गहन शोध किया है। उन्होंने साझा किया कि केवल दो देश ऐसे हैं जहां ऐसी कोई भयावह घटना होने पर मानव के जीवित रहने की संभावना अधिक होगी। 

डेली स्टार न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, एनी जैकबसेन ने बताया है कि परमाणु युद्ध के पहले 72 घंटों के भीतर, लगभग 5 अरब लोग मारे जाएंगे। 3 अरब लोग जो इसके बाद जीवित बचेंगे, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। महाद्वीपों में लगी आग से निकलने वाला घना धुआं लघु-हिमयुग की शुरुआत कर सकता है। इससे बचे लोगों के लिए भोजन उगाना असंभव हो जाएगा। उन्होंने बताया है कि विश्व का अधिकांश भाग, विशेषकर मध्य अक्षांश बर्फ की चादरों से ढक जाएगा। उनके मुताबिक आयोवा और यूक्रेन जैसी जगहें अगले 10 साल तक बर्फ से ढकी रहेंगी।

एक पॉडकास्ट में उन्होंने बताया कि परमाणु युद्ध का परिणाम घातक होगा, और इससे कृषि विफल हो सकती है। ओजोन परत इतनी क्षतिग्रस्त और नष्ट हो जाएगी कि आप सूरज की रोशनी में बाहर नहीं रह पाएंगे। लोग भूमिगत रहने के लिए मजबूर हो जाएंगे।  केवल कुछ ही स्थान हैं जहां कृषि संभव होगी और वे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के पास परमाणु बंकर हो सकते हैं और वह एक सुरक्षित ठिकाना हो सकता है, लेकिन केवल तब तक जब तक वहां बिजली रहेगी। परमाणु युद्ध के प्रभाव से फसलें नष्ट हो जाएंगी, लोग भूख और विकिरण विषाक्तता से मर जाएंगे।

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