चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सेना से कहा- देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए युद्ध की तैयारियां तेज करें

By भाषा | Published: May 26, 2020 10:46 PM2020-05-26T22:46:59+5:302020-05-26T22:49:12+5:30

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, शी ने सेना को आदेश दिया कि वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करे, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाए।

Chinese President Xi Jinping told the army - to protect the sovereignty of the country, expedite the preparations for war | चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सेना से कहा- देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए युद्ध की तैयारियां तेज करें

शी चिनफिंग (File Photo)

Highlightsचीन की टिप्पणी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच करीब 20 दिन से जारी गतिरोध की पृष्ठभूमि में आयी है।भारत द्वारा पैंगोंग सो झील इलाके में सड़क बनाने, इसके अलावा गल्वान घाटी में भी दार्बुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाली एक सड़क का निर्माण करने से चीन झुंझलाया हुआ है।

बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सबसे खराब स्थिति की कल्पना करते हुए सेना को युद्ध की तैयारियां तेज करने का मंगलवार को आदेश दिया और उससे पूरी दृढ़ता से देश की सम्प्रभुता की रक्षा करने को कहा। देश की सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के महासचिव और करीब 20 लाख सैनिकों वाली सेना के प्रमुख 66 वर्षीय शी ने यहां चल रहे संसद सत्र के दौरान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के प्रतिनिधियों की पूर्ण बैठक में हिस्सा लेते हुए यह टिप्प्णी की।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, शी ने सेना को आदेश दिया कि वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करे, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाए, तमाम जटिल परिस्थितियों से तुरंत और प्रभावी तरीके से निपटे। साथ ही पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्रीय सम्प्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों की रक्षा करे।

उनकी टिप्पणी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच करीब 20 दिन से जारी गतिरोध की पृष्ठभूमि में आयी है। हाल के दिनों में लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं ने अपनी उपस्थिति काफी हद तक बढ़ाई है।

यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच दो अलग-अलग तनातनी के दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी तनाव बढ़ने और दोनों पक्षों के रुख में कठोरता आने का स्प्ष्ट संकेत देता है। करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी दोनों देशों के बीच वस्तुत: सीमा का काम करती है। 

बता दें कि चीन के साथ लगने वाली करीब 3,500 किमी लंबी सीमा के रणनीतिक महत्व के क्षेत्रों में भारत अपनी ढांचागत विकास की परियोजनाएं बंद नहीं करेगा। हालांकि, चीन इन्हें रोकने के लिए सोचे-समझे प्रयास कर रहा है और इस के लिए पूर्वी लद्दाख जैसे इलाकों में हालात को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

समझा जाता है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के शीर्ष अधिकारियों को यह कहा है कि कई संवेदनशील इलाकों में चीन के सैनिकों के आक्रामक व्यवहार के बावजूद लद्दाख, सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर महत्वूर्ण परियोजनाओं के क्रियान्वयन की पुन: समीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है।

सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच करीब 20 दिन तक चले गतिरोध के मद्देनजर भारतीय सेना ने उत्तर सिक्किम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों में अपनी मौजूदगी उल्लेखनीय ढंग से बढ़ाई है और यह संदेश दिया है कि भारत चीन के किसी भी आक्रामक सैन्य रुख के आगे रुकने वाला नहीं है।

उन्होंने बताया कि सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे लगभग हर दिन पूर्वी लद्दाख में तेजी से बदल रहे हालात के बारे में रक्षा मंत्री को जानकारी दे रहे हैं और यह तय किया गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय इलाकों में चीन के अतिक्रमण का कड़ा जवाब दिया जाएगा।

भारत द्वारा पैंगोंग सो झील इलाके में सड़क बनाने, इसके अलावा गल्वान घाटी में भी दार्बुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाली एक सड़क का निर्माण करने से चीन झुंझलाया हुआ है। सिंह ने मंगलवार को तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ सैन्य बलों में व्यापक सुधार के क्रियान्वयन को लेकर एक बैठक की। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि उक्त बैठक में पूर्वी लद्दाख में स्थिति का मामला उठा या नहीं।

Web Title: Chinese President Xi Jinping told the army - to protect the sovereignty of the country, expedite the preparations for war

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