ब्रिटेन की सांसद नुसरत गनी ने बोरिस जॉनसन सरकार पर बड़ा आरोप गलाते हुए कहा है कि कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार ने उन्हें मंत्री पद से महज इलिए हटा दिया क्योंकि वो इस्लाम धर्म को मानती हैं और मुसलमान हैं।
नुसरत गनी को साल 2018 में तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने परिवहन विभाग में जूनियर मिनिस्टर बनाया था, जिन्होंने ब्रेक्ज़िट पर यूरोपीय संघ के साथ समझौते को संसद से पास न करा पाने के बाद पीएम पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।
टेरेजा मे के पीएम पद से हटने के बाद साल 2019 में बोरिस जॉनसनब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री बने। इसके बाद साल 2020 में जॉनसन सरकार ने नुसरत गनी को मंत्री पद से हटा दिया था।
इसी मामले में अब अपनी चुप्पी तोड़ते हुए नुसरत गनी ने सीधे-सीधे जॉनसन पर आरोप लगाया कि उन्हें मंत्री पद से सिर्फ इसलिए हटा दिया गया क्योंकि वह इस्लाम को मानती हैं। गनी का कहना है कि इसके लिए जो सरकारी व्हिप जारी हुआ था, उसमें उनके बर्खास्तगी के कारण में उनके धर्म का उल्लेख किया गया था।
वहीं नुसरत गनी के इन आरोपों का कंजरवेटिव चीफ व्हिप मार्क स्पेंसर ने खंडन किया है। मार्क ने स्पष्ट शब्दों में नुसरत के आरोपों को असत्य बताते हुए सारे आरोपों को खारिज कर दिया है।
नुसरत गनी ने ब्रिटेन के अखबार 'द संडे' से बातचीत में कहा, "बोरिस जॉनसन मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद सचेतकों के साथ हुई बैठक में जब मैंने पूछा कि मुझे मंत्रिमंडल से क्यों हटाया गया। तब उन्हें बताया गया कि उनके मुसलमान होने का कारण मंत्रिमंडलीय में कई सहयोगी असहज महसूस कर रहे थे।" सांसद नुसरत गनी ने इसके साथ यह भी आरोप लगाया है कि बर्खास्तगी के बाद जब उन्होंने इस मसले को उठाने की कोशिश की तो कंजर्वेटिव पार्टी ओर से उन्हें कथिततौर पर बहिष्कृत करने की धमकी दी गई और साथ ही यह भी कहा गया कि अगर वो इस मामले को ज्यादा उछालेंगी तो उनका राजनीतिक जीवन और समाजिक प्रतिष्ठा दोनों ही बर्बाद हो जाएंगे।