अफगानिस्तान में उपजे मानवीय संकट पर ब्रिटेन ने की तालिबान से बातचीत

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 11, 2022 15:12 IST2022-02-11T15:00:45+5:302022-02-11T15:12:17+5:30

ब्रिटेन की ओर से निक डायर के साथ मानवीय मामलों के विशेष दूत ह्यूगो शॉर्टर, अफगानिस्तान में यूके मिशन के प्रभारी डी'अफेयर्स, अफगानिस्तान में यूके मिशन के उप प्रमुख हेस्टर वाडम्स ने वरिष्ठ तालिबान अधिकारियों के साथ बैठक की।

Britain talks with Taliban on humanitarian crisis in Afghanistan | अफगानिस्तान में उपजे मानवीय संकट पर ब्रिटेन ने की तालिबान से बातचीत

अफगानिस्तान में उपजे मानवीय संकट पर ब्रिटेन ने की तालिबान से बातचीत

Highlightsबैठक में तालिबानी अधिकारियों के साथ अफगानिस्तान के गंभीर मानवीय संकट पर चर्चा हुईब्रिटेन की ओर से अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की विकट स्थिति पर चिंता व्यक्त की गईबैठक में ब्रिटेन ने तालिबान से लड़कियों को स्कूलों में पढ़ने की इजाजत देने की भी अपील की

लंदन:तालिबान के तख्तापटल के बाद अफगानिस्तान में उपजे भयंकर त्रासदी के मद्देनजद ब्रिटेश के उच्चाधिकारियों ने तालिबान के साथ लंबी बातचीत की। शुक्रवार को ब्रिटिश विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन के शीर्ष अधिकारियों ने अफगानिस्तान में पैदा हुए मानवीय संकट के हालात पर तालिबान नेतृत्व के साथ लंबी बातचीत की।

इस मामले में ब्रिटेन विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अफगानिस्तान में गहरे होते मानवीय संकट से निपटने के लिए बातचीत करने वाला ब्रिटिश प्रतिनिधि मंडल ने गुरुवार को अफगानिस्तान से वापसी की।

ब्रिटेन की ओर से इस विशेष प्रतिनिधि मंडल में निक डायर के साथ मानवीय मामलों के विशेष दूत ह्यूगो शॉर्टर, अफगानिस्तान में यूके मिशन के प्रभारी डी'अफेयर्स और अफगानिस्तान में यूके मिशन के उप प्रमुख और राजनीतिक सलाहकार हेस्टर वाडम्स ने वरिष्ठ तालिबान अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें तालिबान की ओर से मौलवी अमीर खान मुत्ताकी और अब्दुल हक वासीक शामिल हुए।

बैठक के बाद ब्रिटिश प्रवक्ता ने कहा कि तालिबानी अधिकारियों के साथ अफगानिस्तान में उत्पन्न हुई गंभीर मानवीय स्थिति पर चर्चा हुई। इसके साथ ही ब्रिटेन की ओर से अफगानिस्तान में महिलाओं, लड़कियों और अल्पसंख्यकों सहित मानवाधिकारों के इलाज के बारे में गंभीर चिंताओं को तालिबानी अधिकारियों से अवगत कराया गया।

इस मामले में ह्यूगो शॉर्टर ने कहा कि अफगानिस्तान और ब्रिटेन के शीर्ष अधिकारियों ने अफगानिस्तान में मानवीय संकट, आतंकवाद और देश में विशेषतौर पर खराब होती महिलाओं, लड़कियों और अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई।

चर्चा के दौरान विशेषतौर पर महिला कार्यकर्ताओं को हिरासत में रखने, उनसे बदला लेने और अमानवीय तरीके से उनकी हो रही हत्याओं पर निराशा जाहिर करते हुए इस बात पर विशेष बल दिया गया कि आने वाले समय में लड़कियों को स्कूलों में पढ़ने पर लगी पाबंदी हटाई जाएगी और उन्हें पढ़ने का मौका दिया जाएगा।

अफगानिस्तान की भयावह स्थिति पर बयान जारी करते हुए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि पिछले साल तख्तापटल संघर्ष ने 7 लाख से अधिक अफगानों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर किया था जबकि 55 लाख लोग उससे पहले ही विस्थापित हो चुके थे। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की ओर से साथ में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान में विशेष रूप से महिलाएं और लड़कियां की सुरक्षा काफी भयावह है। 

इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) के डिप्टी डायरेक्टर उगाची डेनियल ने एक बयान जारी करते हुए कहा, "अफगानिस्तान में जारी संकट के दौरान तेजी से हो रहा अफगानी लोगों का विस्थापन देश के भीतर और पड़ोसी मुल्कों के लिए भी भारी खतरे का सबब बन सकता है। 

Web Title: Britain talks with Taliban on humanitarian crisis in Afghanistan

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